नई दिल्ली:नई दिल्ली के सिविल लाइन स्थित फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में अनियमिताओं को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से शिकायत की है. उन्होंने इसकी जांच की मांग की है. गुप्ता ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पुराने आवास 6, फ्लैट स्टाफ रोड में किए गए अवैध निर्माण को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है.
सीवीसी को लिखे पत्र में गुप्ता ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भवन निर्माण के सभी नियमों को धता बताते हुए अपने लिए 40,000 वर्ग गज के विशाल क्षेत्र में यह आवास खड़ा करवा दिया. इसके निर्माण में ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) की निर्धारित स्वीकृत सीमाओं का भी ख्याल नहीं रखा गया और न ही सक्षम अधिकारी से इसके लेआउट प्लान की मंजूरी ली गई.
नेता विपक्ष ने आज फ्लैग स्टाफ रोड और आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया. अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड से सटे बंगला नंबर 45 पर किया गया निर्माण अधूरा ही है. यह वही बंगला है जिसे 6, फ्लैग स्टाफ रोड का हिस्सा बनाकर अवैध निर्माण किया जा रहा था.
आवास को भव्यतम बनाने के लिए काटे गए कई पेड़: निरीक्षण के बाद मीडिया से रूबरू हुए गुप्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के इस आवास को भव्यतम बनाने के लिए आसपास की सरकारी संपत्तियों की भी बलि ले ली गई. जिसके अंतर्गत राजपुर रोड के प्लॉट नंबर 45 और 47 में बने टाइप-V के 8 फ्लैट्स, जिनमें कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और जज रहते थे, को भी तोड़कर इसी आवास का हिस्सा बना दिया गया. इतना ही नहीं, फ्लैग स्टाफ रोड के दो अन्य बंगलों 8-A और 8-B को भी तोड़ डाला गया और 6, फ्लैट स्टाफ रोड के आवास में मिला दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली के शहंशाह अरविंद केजरीवाल के लिए लगभग 40,000 वर्ग गज यानी 8 एकड़ में विशाल और भव्य शीश महल खड़ा कर लिया गया.