चंडीगढ़: हरियाणा में अवैध खनन के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा रही है. अब हरियाणा सरकार अवैध खनन और उससे जुड़ी गतिविधियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों के साथ खनन स्थलों का निरीक्षण और निगरानी करेगी. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा, हरियाणा में अवैध खनन गतिविधियों में शामिल लोगों पर भारी जुर्माना भी लगा रही है.
ड्रोन के जरिए अवैध खनन पर नजर: प्रशासन ने अवैध गतिविधियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल से खनन स्थलों पर निरीक्षण और निगरानी बढ़ा दी है. इसके अलावा, अवैध खनन में शामिल वाहनों को जब्त किया जा रहा है और अपराधियों को कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है. नूंह जिले के रावा गांव में अवैध खनन के बारे में मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई. जिसमें राज्य को 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है.
राजस्थान के खनन माफियाओं पर आरोप: "नूंह में अवैध खनन से संबंधित खबरें जो सोशल मीडिया पर चल रही हैं, वो निराधार हैं. गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह जिलों के अरावली क्षेत्र में खनन पर वर्ष 2002 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत रोक लगी हुई है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में सीमा को लेकर हरियाणा और राजस्थान के बीच अंतरराज्यीय विवाद है, जिसका फायदा राजस्थान के खनन पट्टाधारकों ने हरियाणा की जमीन पर अतिक्रमण करने के लिए उठाया है."