नई दिल्ली:बीते छह माह से बंद चल रहा दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय सोमवार को खुल गया. मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार संभाल लिया. इसके साथ ही बगल में एक कुर्सी खाली छोड़ने पर विवाद हो गया. आतिशी ने यह कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की है. इससे बीजेपी ने असंवैधानिक करार दिया है. इससे पहले शनिवार को जब आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो केजरीवाल के पैर छुए थे, इस पर भी विपक्ष ने हमला बोला था.
दरअसल, सोमवार सुबह आतिशी कार्यभार संभालने के लिए दिल्ली सचिवालय पहुंची. वह मुख्यमंत्री कार्यालय में जिस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे उस पर नहीं बैठी, उसके बगल में छोटी कुर्सी रखकर दिल्ली की सत्ता संचालन करने की बात कही. उन्होंने इसे केजरीवाल के प्रति अपना सम्मान बताया है.
खाली कुर्सी पर आतिशी ने कहाःअब सचिवालय में केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ने पर आतिशी ने कहा, "जिस तरीके से प्रभु श्री राम के वनवास जाने पर भरत ने खड़ाऊ रखकर राज्य चलाया था. उसी तरह मैं भी अगले 4 महीने तक दिल्ली की सरकार चलाऊंगी. मुझे पूरा भरोसा है कि दिल्ली की जनता एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को जिताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी. तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी अरविंद केजरीवाल का इंतजार करेगी. आज मेरे मन की वही व्यथा है जो भरत जी की थी. जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के लिए वनवास पर गए थे. उस समय भरत ने भगवान राम का खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला था. इस तरह आने वाले 4 महीने तक मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी. भगवान राम ने अपने पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था. इसीलिए भगवान राम को हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. वह हम सभी के लिए मर्यादा और नैतिकता की मिसाल हैं. राम की तरह केजरीवाल ने नैतिकता और मर्यादा की मिसाल कायम की है.