पटना:राजधानी पटना में बुधवार दोपहर अचानक मौसम का मिजाज बदल गया है. सुबह से तेज धूप और उमस भरी गर्मी के बाद दोपहर 1 बजे अचानक आसमान में काले बादल छा और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है. बारिश के कारण लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है. मानसून के सीजन में अब तक जून, जुलाई और अगस्त लगातार 3 महीने सामान्य से बिहार में कम बारिश दर्ज की गई है. जिस रफ्तार से बिहार में बारिश हो रही है. इससे काफी बारिश की भरपाई होगी.
9 जिले में भारी बारिश का अलर्ट:मौसम विभाग ने आज बुधवार को प्रदेश के औरंगाबाद, कैमूर (भभुआ), रोहतास, भोजपुर, पटना, सारण, बक्सर वैशाली, मुंगेर, मुजफ्फरपुर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. बारिश के साथ-साथ इन जिलों में एक दो स्थानों पर बिजली गिरने और मेघ गर्जन की संभावना भी व्यक्त की है. मौसम विभाग ने इस मौसम में लोगों से अपील किया है की बारिश के दौरान खुले मैदान से दूर रहें. बिजली के खाबो से दूर रहें और ऊंचे पेड़ की सरण ना लें.
अगले 48 घंटे सक्रिय है मानसून: मौसम विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि दक्षिण पूर्वी राजस्थान और उसके आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है और मानसून ट्रफ का पूर्वी सिरा नीचे की ओर झुक गया है. बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक निम्न दबाव के क्षेत्र बन रहे हैं. इसके प्रभाव से अगले 48 घंटे तक पटना और आसपास के क्षेत्र खास कर पश्चिम बिहार में मानसून के सक्रिय रहने का पूर्वानुमान है.
जलवायु परिवर्तन से बदला मानसून:मौसम विज्ञान केंद्र पटना की ओर से जानकारी दी गई है कि इस वर्ष अब तक बिहार में मानसून की गतिविधि कम रही है. पहले उत्तर भारत में गंगा के मैदानी क्षेत्रों में मानसून के दौरान अधिक बारिश होती थी. लेकिन अब यह बारिश पिछले कुछ वर्षों में मध्य भारत के तरफ शिफ्ट कर गई है. मौसम विभाग नहीं अभी बताया है कि पहले मानसून के दौरान लगातार 3 दिन तक रिमझिम बारिश होते रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. रिमझिम बारिश में ना कम ना ज्यादा बारिश होती थी. लेकिन अब देखने को मिल रहा है कि तीन दिन के रिमझिम बरसात में जितनी बारिश होती थी उतना बीते कुछ वर्षों से दो से तीन घंटे की बरसात में बारिश हो जा रही है.
मॉनसून में कम बारिश : लगता है कि बिहार में इस बार भी मॉनसून रूठ गया है. सामान्य से कम बारिश हुई है. इससे जहां एक ओर लोग गर्मी से परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ किसान कम बारिश से मर्माहत है. बिहार के किसान बारिश पर ज्यादा निर्भर रहते हैं. ऐसे में किसानों को काफी समस्या हो रही है. खासकर धान की खेती करने वाले कृषक इंद्रदेव से गुहार लगा रहे हैं.