बिहार

bihar

ETV Bharat / state

'मानी गई शिक्षकों की सभी बात' ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर शिक्षा मंत्री और ACS एस सिद्धार्थ का बड़ा ऐलान - BIHAR TEACHER TRANSFER POLICY

बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर शिक्षा विभाग ने बड़ा बयान दिया. शिक्षा मंत्री और ACS ने मामले को सुलझा लेने का दावा किया.

Bihar Teacher Transfer Policy
शिक्षा मंत्री और ACS एस सिद्धार्थ का बड़ा ऐलान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 11, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Nov 11, 2024, 4:32 PM IST

पटना:बिहार सरकार की शिक्षा विभाग में शिक्षकों की ट्रांसफर नीति का शिक्षक विरोध कर रहे हैं. शिक्षक न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरकार को इसकी चेतावनी भी दे दिए हैं कि अब वह न्यायालय जाएंगे. शिक्षक संगठनों का कहना है कि ट्रांसफर पोस्टिंगकी जो नियमावली दी गई और ट्रांसफर पोस्टिंग की जो प्रक्रिया एप्लीकेशन पर हो रही है उसमें बहुत बड़ा अंतर है.

'ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर नहीं कोई नाराजगी':वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ का कहना है कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है और ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर विवाद सिर्फ सोशल मीडिया पर ही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षकों की जो भी बात थी उसे मान ली गई है. यह केवल विवाद खड़ा करने का जो प्रयत्न किया जा रहा है, केवल यह सोशल मीडिया पर किया जा रहा है.

"ऐसा कोई नियम नहीं है, ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जो हम लोगों ने शिक्षकों की बात नहीं मानी है. सभी सुधार कर लिए गए हैं. मेरी जानकारी में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं है."-एस सिद्धार्थ,अपर मुख्य सचिव,शिक्षा विभाग

शिक्षा मंत्री और ACS एस सिद्धार्थ का बड़ा ऐलान (ETV Bharat)

'ट्रांसफर पॉलिसी में शिक्षकों की बात मानी गई': हालांकि एस सिद्धार्थ ने आठ जिले जहां सिर्फ एक अनुमंडल है, वहां शिक्षकों के पोस्टिंग को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि हम लोगों ने उदारता पूर्वक शिक्षा नीति लाई है. ट्रांसफर पॉलिसी में सभी शिक्षकों को उनके ही जिले में रखा जा रहा है.

'महिलाओं को गृह पंचायत से बाहर प्रतिस्थापन का प्रबंध': शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी पुलिस विभाग का उदाहरण दिया था कि वह अपने जिले में नहीं रहते हैं. लेकिन वह शिक्षा विभाग में महिलाओं को गृह पंचायत से बाहर और पुरुषों को गृह अनुमंडल से बाहर जिले में ही प्रतिस्थापन का प्रबंध किए हैं. उन्होंने कहा कि जिस जिले में एक ही सब डिवीजन है वहां भी हम लोग विभाजन करके इस जिले में शिक्षकों की पोस्टिंग करने का प्रयास कर रहे हैं.

"सभी को इसमें सहयोग देना चाहिए. सभी को समय पर तनख्वाह मिल रही है. सभी को ट्रेनिंग दिया जा रहा है. इतनी नियुक्तियां लाखों में की गई है. शिक्षकों से यही आह्वान करेंगे कि वह मन लगाकर बिहार के भविष्य को संवारे. विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का काम करें."-सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार

'जहां एक अनुमंडल वहां बंटेगा डिवीजन':शिक्षा मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आगे आने वाले समय में इस नियमावली में भी संशोधन किया जाएगा. क्योंकि समय के अनुरूप संशोधन होते रहते हैं. जो स्थिति होगी और जो आवश्यकता महसूस की जाएगी उसके अनुरूप संशोधन किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने 8 जिले जहां सिर्फ एक अनुमंडल है उस पर जोर देते हुए कहा कि उस जिले में डिवीजन बांटा जा रहा है और शिक्षकों को उनके जिले में ही पोस्टिंग दिया जाएगा.

'गृह अनुमंडल सहित कई अनुमंडल नहीं चुनने की बाध्यता': वहीं बिहार शिक्षक मंच के अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि इस ट्रांसफर पोस्टिंग नीति पर पुरुष शिक्षक ठगा सा महसूस कर रहे हैं. पोस्टिंग की नियमावली और उसके प्रक्रिया में बड़ा अंतर है. विभाग ने नियमावली में पुरुष शिक्षकों को सिर्फ अपने गृह अनुमंडल की बाध्यता लगाई थी. लेकिन जब आवेदन कर रहे है तो गृह के साथ पोस्टेड अनुमंडल, वाइफ का गृह अनुमंडल, वाइफ नौकरी में है तो उसका पोस्टेड अनुमंडल का विकल्प नहीं ले रहा है.

"अब इतने सारे अनुमंडल नहीं जाने की बाध्यता लगा दी गयी है जो बिल्कुल उचित नहीं है. जबकि नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग को कम करने और सुविधाजनक बनाने का जिक्र है."-अमित कुमार,अध्यक्ष, बिहार शिक्षक मंच

'सॉफ्टवेयर में है बहुत सारी गड़बड़ी':अमित कुमार ने कहा कि इससे शिक्षक अब तनावग्रस्त हो रहे हैं. उचित रहता कि शिक्षा विभाग गृह प्रखंड की बाध्यता लगाकर 10 प्रखंड का ऑप्शन लेती. ट्रांसफर पोस्टिंग के सॉफ्टवेयर में बहुत सारी दिक्क़ते हैं. जैसे अगर आप जम्मू कश्मीर या दिल्ली के है तो आपके होम स्टेट का ऑप्शन ही गायब है. महिला शिक्षिका अगर नगर का ऑप्शन डाल रही है तो कई जगह ब्लॉक या पंचायत का ऑप्शन गायब हो जा रहा है. शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जिसमें खगड़िया जिला में नगर निकाय बेगूसराय दिखा रहा है. खगड़िया अनुमंडल डालने से किसी भी ब्लॉक का ऑप्शन नहीं आ रहा है. अगर विभाग इन बातों पर गौर करते हुए सुधार नहीं करता है तो शिक्षक न्यायालय के शरण में जाने को बाध्य होंगे.

ये भी पढ़ें

बिहार में शिक्षकों के विरोध का बड़ा असर! शिक्षा विभाग जिले में 3 से 5 शैक्षणिक अनुमंडल बनाने की कर रहा तैयारी

'हे प्रभु! अगले जनम मुझे महिला शिक्षक ही बनाना'..बिहार टीचर ट्रांसफर पॉलिसी से पुरुष शिक्षकों में निराशा

Last Updated : Nov 11, 2024, 4:32 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details