पटनाः राजधानी पटना के सिविल कोर्ट में बुधवार 13 मार्च को ट्रांसफॉर्मर में आग लगने के बाद ब्लास्ट हुआ था, जिसमें दो लोगों की झुलस कर मौत हो गयी थी. इस घटना को गुरुवार 14 मार्च को बिहार स्टेट बार काउंसिल ने एक आपात बैठक बुलायी. बैठक में स्टेट बार काउंसिल ने तय किया कि बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया और स्टेट बार कॉउंसिल ने जो क्षतिपूर्ति देने का निर्णय लिया है, वह दिया जायेगा. साथ ही सरकारी नौकरी की मांग की जाएगी.
मृतक के परिजनों का ब्योरा मंगवायाः बीसीआई से इस संबंध में जो मांग हुई है, उसे राज्य काउंसिल द्वारा मंजूर कर लिया गया है. इसमें यह कहा गया है कि पर्याप्त क्षतिपूर्ति राज्य सरकार को करनी चाहिए. नौकरी व अधिक राशि की मांग की गयी. इस संबंध में काउंसिल ने निर्णय लिया है कि इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा. परिजनों का ब्योरा भी मंगवा लिया गया है, ताकि क्षतिपूर्ति का यथाशीघ्र अनुपालन किया जा सके.
न्यायिक कार्य का नहीं करेंगे बहिष्कारः क्षतिपूर्ति को लेकर वेलफेयर ट्रस्टी ने भी संकल्प लिया था कि वकील की आपराधिक, प्राकृतिक मृत्यु व गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में 5 लाख के करीब राशि दी जा सकती है. इस संबंध में अनुरोध राज्य सरकार के महाधिवक्ता से किया गया है. डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ( डीबीए ) द्वारा न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करने के संबंध में किये गए आग्रह पर स्टेट बार कॉउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कहा कि "किसी तरह की मांग न्यायपालिका से तो की नहीं गई है, इसलिए न्यायपालिका का बहिष्कार नहीं किया जाना चाहिए. इससे न्यायपालिका की सहानुभूति खो देंगे."