मुंगेर: बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने स्पष्टीकरण एवं बर्खास्तगी की कार्रवाई में बिहार पंचायत प्रारम्भिक विद्यालय सेवा को अनदेखी करते हुए आनन-फानन में कार्रवाई किये जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज किया है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा निजी संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन का आरोप लगाया है. साथ ही स्पष्टीकरण एवं बर्खास्तगी प्रकरण में नियमों को अनदेखा करने की भी बात कही है.
सात दिनों का वेतन काट लिया: प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि, ''इससे पहले भी शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछे बगैर सात दिनों का वेतन काट लिया गया था. वहीं, अब अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी खड़गपुर सहित अन्य पदाधिकारी द्वारा बगैर संसूचित पत्र के दिनांक 24-06-2024 को पदस्थापित प्राथमिक विद्यालय केन्दुआ, खड़गपुर का जांच नियमों की अनदेखी कर किया गया था. साथ ही बगैर आरोप गठित किये ही शिक्षक को बगैर स्पष्टीकरण पूछे उसको बर्खास्त करने की अनुशंसा किया गया.''
अनावश्यक दबाव में की जा रही कार्रवाई:उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह कार्रवाई किसी के अनावश्यक दबाव में किया जा रहा है. ऐसी कौन सी परिस्थिति बन गयी कि एक बार प्रपत्र-का जबाव समर्पित करने के उपरांत पुन: 15-06-2024 को पुन: प्रपत्र-क गठन कर 24 घंटे में जबाव देने को मजबूर किया जा रहा है. यह सीधा-सीधा संवैधानिक अधिकार एवं संवैधानिक व्यवस्था पर करारा प्रहार है. साथ ही बताया कि किसी भी शिक्षक पर एक ही मामले को लेकर दो-दो बार प्रपत्र का गठन करना, पदाधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाना एवं विकृत मानसिकता से ग्रसित होकर कार्रवाई करना बेहद गलत है.
मान-हानि का होगा केस: अमित विक्रम ने यह भी बताया कि वो शिक्षक एवं शिक्षा हितार्थ जो संघर्ष को लेकर अपने मौलिक अधिकारों के तहत सदैव संघर्षरत एवं प्रखर रहे है, उसी के आलोक में यह पूर्णरूपेण पूर्वाग्रह एवं दुराग्रह से ग्रसित होकर की गयी कार्रवाई से उनके सामाजिक प्रतिष्ठा का हनन हुआ है. इस बाबत उन्होनें अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी खड़गपुर एवं बीडीओ खड़गपुर पर एक-एक करोड़ के मान-हानि का परिवाद अपने अधिवक्ता द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दाखिल करने का निर्णय लिया है.
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