गया:बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्रीबिहार के बोधगया में प्रवास कर रहे हैं. जहां वह भक्तों को भागवत कथा सुनाते हैं. उनके कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. बाबा बागेश्वर से मिलने बिहार सरकार के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार भी पहुंचे. बाबा ने ने बड़े प्यार से उन्हें 'मोटकू राम' कहकर बुलाया. पीछे बैठकर कथा सुन रहे मंत्री पर जैसे ही उनकी नजर पड़ी उन्होंने हंसते हुए कहा, 'मोटकू राम आगे आओ.'
"मोटकू राम आगे आओ. बहुत प्यारे हैं, सरल हैं, बहुत सीधे हैं वो. यहां के पर्यावरण और वन मंत्री भी हैं. इन दोनों मंत्री का हम बहुत स्वागत करते हैं अपने कथा कार्यक्रम में. यहां आकर आप दोनों बैठो, विराजो. बिहार है तो बहार है."- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, आचार्य, बागेश्वर धाम
मखाना की माला पर बाबा ने ली चुटकी:बाबा बागेश्वर से मिलने पहुंचे मंत्री प्रेम कुमार ने उनको मखाने की माला पहनाई. इस पर बाबा बागेश्वर ने कहा कि बुरा मत मानना. एक बात बता दें कि माछ (मछली), पान और मखाना मिथिला की तीन पारंपरिक पहचान है. मखाना जो है, वह हमारे यहां मरने पर पहनाए जाते हैं, शव पर चढ़ाए जाते हैं. ऊपर से फेंके भी जाते हैं हमें तो आपने जिंदा ही चढ़ा दिया. उन्होंने हंसते हुए कहा कि बुंदेलखंड में परंपरा रही है कि यह मरने के बाद चढ़ाया जाता है. अच्छे घराने वालों को ही यह मरने के बाद नसीब हो पता है लेकिन कोई बात नहीं, यहां की यह पहचान है तो स्वीकार है.
गयाजी में सभी देवी देवताओं के साथ बुद्ध भी:बाबा बागेश्वर ने कहा कि बोध हो गया का अर्थ होता है, भर गए. इसी का नाम बोधगया पड़ा. यहां गया जी विष्णु नगरी केवल मोक्ष की धरती ही नहीं है, यहां सिर्फ विष्णु भगवान जी का पद ही नहीं बल्कि सभी देवी देवताओं के साथ बुद्ध भी हैं. बिहार में बहार है, क्योंकि यहां नालंदा विश्वविद्यालय है और माता सीता की चर्चा है.
बक्सर वाले मामा के दर्शन नहीं करने का अफसोस: वहीं, बाबा बागेश्वर ने बक्सर वाले मामा का दर्शन नहीं करने का भी अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि जब भी बिहार आते हैं तो बक्सर वाले मामा की बहुत याद आती है. उनका दर्शन नहीं किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर भगवान राम के होने का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया था, जिससे विरोधी दल भी अचंभित रह गए थे.