पटना : प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि दीपावली और छठके बीच में सरकारी विद्यालय खुले हुए हैं. शिक्षा विभाग ने दीपावली और छठ के बीच विद्यालयों के संचालन का निर्देश इस बार के लिए दिया है. लेकिन दीपावली के बाद जब शुक्रवार और शनिवार को विद्यालय खुले तो विद्यालय में बच्चों की संख्या नगण्य रही. ऐसे में शिक्षा विभाग से शिक्षक प्रश्न पूछ रहे हैं कि जब विद्यालय में त्यौहार के समय बच्चे आ ही नहीं रहे हैं तो इस समय विद्यालय खुले रखने का औचित्य क्या है?
विद्यालय में नहीं आ रहे बच्चे: बिहार राज्य स्नातक ग्रेड शिक्षक संघ के अध्यक्ष पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि दीपावली और छठ के बीच में विद्यालय खुले हैं. लेकिन त्योहार का समय है तो विद्यालय में बच्चे आ ही नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी विद्यालय भी दीपावली के बाद छठ तक के लिए बंद हो गए हैं, लेकिन सरकारी विद्यालय खुले हैं. पहली बार ऐसा हुआ है कि दीपावली में सिर्फ एक दिन की छुट्टी मिली जिसके कारण शिक्षक इस बार दीपावली मनाने अपने घर नहीं जा पाए हैं. दीपावली के बाद स्कूल में जब शिक्षक जा रहे हैं तो सिर्फ स्कूल में शिक्षक ही दिख रहे हैं. बच्चे स्कूल आ नहीं रहे हैं ऐसे में स्कूल में शिक्षक खाली बैठे-बैठे मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.
बिहार शिक्षक संघ ने उठाए छुट्टी की कटौती पर सवाल (ETV Bharat) क्या हासिल करना चाह रहा शिक्षा विभाग : पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि छठ महापर्व बिहार के लोक संस्कृति से जुड़ा हुआ है जिसमें शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. उन लोगों ने छुट्टी की कटौती की काफी आवाज उठाई तब एक दिन की छुट्टी बढ़ाई गई और खरना के दिन छुट्टी घोषित की गई. लेकिन प्रदेश की काफी शिक्षक-शिक्षिकाएं छठ महापर्व करते हैं और नहाए खाए के दिन इन शिक्षक शिक्षिकाओं को परेशानी होने वाली है.
''नहाए खाए के दिन स्नान ध्यान के बाद पूरी शुद्धता से भोजन तैयार किया जाता है. लेकिन उस दिन छुट्टी नहीं है. त्योहार का समय होने के कारण बच्चों के अभिभावक भी उन्हें स्कूल नहीं भेज रहे हैं. ऐसे में वह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस समय विद्यालय को खोलकर शिक्षा विभाग क्या हासिल करना चाह रहा है.''- पिंटू कुमार सिंह, अध्यक्ष, बिहार राज्य स्नातक ग्रेड शिक्षक संघ
स्कूल में नहीं आ रहे बच्चे (ETV Bharat) अन्य विभागों में वेतन और भत्ता भी है अधिक: पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि सरकार पुलिस और अन्य विभागों की छुट्टियों से शिक्षकों की छुट्टियों की तुलना कर रही है. लेकिन यह नहीं बता रही कि उन विभागों में क्या वेतन दिया जाता है, क्या भत्ता दिया जाता है और उससे तुलना नहीं कर रही. पुलिस विभाग में 13 महीने का वेतन और अन्य भत्ता दिया जाता है. सरकार शिक्षकों की छुट्टियों में ग्रीष्मावकाश की छुट्टी को जोड़ रही है, जबकि गृष्मावकाश में सभी शिक्षकों से विभाग ने काम लिया है. आज भाई दूज की छुट्टी है और आज रविवार की भी छुट्टी है, शिक्षा विभाग इसे शिक्षकों की दो छुट्टी से जोड़कर देख रहा है. जबकि छुट्टी वास्तव में सिर्फ एक दिन है.
अभी से भी सरकार घोषित कर सकती है छुट्टी : पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि छुट्टियों में कटौती से शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं. उन लोगों की सरकार से यही मांग रही है कि पूर्व की भांति छुट्टियों को बहाल कर दिया जाए. पहले दीपावली से छठ तक छुट्टियां रहती थी. सरकार अभी से भी चाहे तो छठ तक के लिए विद्यालय को बंद कर सकती है. ताकि जिन शिक्षकों के परिवार में छठ होता है, उनके यहां अच्छे से सभी छठ मना सकें. वैसे भी अभी के समय विद्यालय में बच्चे नहीं आ रहे हैं.
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