पटनाःबिहार बिहार में फर्जी एटेंडेंस पर रोक लगाई जाएगी. नए साल से विद्यालयों में बच्चों का अटेंडेंस डिजिटली बनेगा. ऑटोमेटिक फेस रीडिंग सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के माध्यम से बच्चों का अटेंडेंस बनेगा. इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने दी है.
स्कूलों के लिए खरीदे जा रहे टैबः शिक्षा विभाग के कार्यक्रम 'शिक्षा की बात हर शनिवार' के तहत शिक्षकों की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देने के क्रम में दी. बताया कि इसका ट्रायल कर लिया गया है जो पूरी तरह सफल रहा है. इसके तहत स्कूलों के लिए टैब भी खरीदे जा रहे हैं. इसके लिए संबंधितों को ट्रेनिंग भी करायी जाएगी. अटेंडेंस लेने की यह बेहद तकनीक सटीक है.
"1 जनवरी से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में ई-शिक्षकोष पोर्टल के जरिए बच्चों की डिजिटल हाजिरी ली जाएगी. स्कूल आने वाले हर बच्चे के चेहरे की ऑटोमेटिक रीडिंग हो जाएगी. उस बच्चे की डिजिटल हाजिरी बन जाएगी. जो टैब विद्यालयों के लिए खरीदे जा रहे हैं उसमें आसानी से बच्चों के फोटो क्लिक हो जाएंगे. इससे बच्चों के फर्जी अटेंडेंस पर भी रोक लगा सकेगी. अगले 10 दिन के अंदर इस संबंध में मार्ग निर्देशन की सॉफ्ट कॉपी की पीडीएफ प्रत्येक शिक्षक के लिए जारी की जाएगी."-डॉक्टर एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव
प्राथमिक में स्थानीय भाषा में पढ़ाई:डॉ एस सिद्धार्थ ने यह भी बताया कि विद्यालयों में प्राथमिक स्तर की कक्षाओं में स्थानीय भाषा में पढ़ाई कराई जाएगी. बच्चों को बिहार की स्थानीय भाषाओं जैसे की मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली में पढ़ाई करायी जाएगी. ताकि बच्चा अपनी बोलचाल की भाषा में सीख सके.