पटना:आज पटना में नीतीश कैबिनेट की बैठकहुई. जहां 36 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुए. मंत्रिपरिषद ने उद्योग विभाग के अधीन हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय बिहार पटना के पुनर्गठन को स्वीकृति दे दी है. वहीं, बिहार सांख्यिकी संवर्ग नियमावली 2024 को मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट में बिहार खरीद अधिनमानता नीति 2024 को भी स्वीकृति मिल गई है. अब 20% राशि का सामान कंपनियों को बिहार से ही खरीदना होगा. वहीं, परिवहन विभाग के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय में निम्न वर्गीय लिपिक के 102 पदों और पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विभिन्न स्तर के 4315 पदों के सृजन को मंजूरी मिली है.
36 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी: बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड की प्राधिकृत अंश पूंजी 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है. राज्य के विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग राजकीय उच्च मार्ग पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग के विभिन्न सड़कों नगर विकास अंतर्गत सड़कों पर वाहनों के तीव्र गति के कारण दुर्घटना को कम करने के लिए अधिकतम गति सीमा निर्धारित करने के लिए परिवहन विभाग को एक कमेटी बनाने के लिए अधिकृत करने की स्वीकृति मिली है.
पटना जू में टॉय ट्रेन चलाने का फैसला:वहीं, बिहार राज्य अंतर्गत बैठकों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री होम स्टे बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना 2024 को स्वीकृति दे दी गई है. कैबिनेट ने बिहार कर्मचारी राज्य बीमा योजना महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भारती प्रोन्नति एवं सेवा शर्त नियमावली 2024 को स्वीकृति दे दी है. कैबिनेट में संजय गांधी जैविक उद्यान पटना में टॉय ट्रेन शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए 9 करोड़ 88 लाख 60 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. वहीं, दानापुर रेल मंडल के माध्यम से इसे संचालित किया जाएगा.
ये डॉक्टर्स सेवा से बर्खास्त: कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के तहत डॉक्टर नौशाद अली को वित्तीय अनियमितता के कारण बर्खास्त करने की अनुशंसा की है. इसके अलावे डॉक्टर गुप्ता सुषमा संजय, डॉक्टर अकबर मसाहिदी और डॉक्टर संतोष कुमार को अनिधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दे दी है.
इन एजेंडों पर लगी मुहर:पाटलिपुत्र खेल परिसर कंकड़बाग के उत्तर में स्थित 1.6 एकड़ जमीन को आवास बोर्ड ने खेल विभाग को हस्तांतरित किया है. इसके लिए 48 करोड रुपए की स्वीकृति दी गई है. पंचायती राज विभाग के नियंत्राधीन 58003 ग्रामीण वार्डों में निर्मित 70157 जिला आपूर्ति योजनाओं के संचालन, मरमती और संपोषण के लिए 108372 रुपये प्रति जलापूर्ति योजना प्रति वर्ष के मानक दर से 5 वर्षों तक संचालन मरमती एवं संपोषण के लिए 3611.45 करोड़ की स्वीकृति मिली है. पीएचईडी विभाग अब इस योजना की देखरेख करेगा.