पटनाःबिहार भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे दिलीप जायसवाल. दिलीप जायसवाल सीमांचल इलाके से आते हैं. मुस्लिम बहुल इलाका किशनगंज से लोकल बॉडी से बिहार विधान परिषद का चुनाव जीतकर आये हैं. माना जाता है कि दिलीप जायसवाल एक कुशल संगठनकर्ता है, इसलिए उनको यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में ही बिहार भाजपा 2025 बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. इस दौरान जायसवाल के सामने कई बड़ी चुनौतियां होंगी, जिस पर उन्होंने खुलकर बातचीत की.
माली के रूप में करना है काम:दिलीप जायसवाल ने इस नई जिम्मेदारी के लिए राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि भगवान इतनी शक्ति दें कि वो इस जिम्मेदारी को निभा सके. दिलीप जायसवाल ने कहा कि सोमवार को मैं इस पद को संभालूंगा. चुनौती को ही अवसर में बदला जाएगा. दिलीप जायसवाल से जब यह पूछा गया कि आप लगातार संगठन से जुड़े रहे हैं. मंगल पांडे जब अध्यक्ष थे, तब कोषाध्यक्ष थे. इसे किस रूप में देखते हैं. दिलीप जायसवाल ने कहा कि कैलाशपति मिश्रा के समय से लेकर मंगल पांडेय, नियानन्द राय, संजय जायसवाल जैसे नेता ने पार्टी को मजबूत बनाया है. अब माली के रूप में काम करना है.
सीमांचल से पहली बार प्रदेश अध्यक्षःदिलीप जायसवाल से जब यह पूछा गया कि सीमांचल से पहली बार आप अध्यक्ष बनाए गए हैं, बडी चुनौती है तो उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है. पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार क्षेत्र से जुझारू कार्यकर्ता आगे बढ़ते हैं. सीमावर्ती इलाके में रहने की वजह से भारत माता की जय और वंदे मातरम बचपन से ही होठों पर रहता है. यह सीमांचल के लिए गौरव की बात है. आपके ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी यह भी है कि सीमांचल को साथ-साथ पूरे बिहार को आपको साधना होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की चुनौती मेरे लिए अवसर होगा. 2025 में बेहतर तरीके से हम लोग चुनाव लड़ेंगे. बहुमत से सरकार बनाएंगे.
चुनौती को अवसर में बदलेंगेःदिलीप जायसवाल से जब यह पूछा गया कि आप जिस किशनगंज से जीत कर आते हैं, वह मुस्लिम बहुल इलाका है और ऐसे में आप पर यह बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वहां से ज्यादा से ज्यादा सीट भाजपा के लिए जीते तो उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में हम लोग 30 सीट जीते. 7 सीट ऐसी थी जहां हम लोग 20-25 हजार वोट के अंतर से हारे थे. उसमें कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज शामिल है. हमारा सीमांचल मजबूत है. अररिया से लगातार प्रदीप सिंह जीत रहे हैं. सीमांचल में बीजेपी बहुत मजबूत है. यहां जुझारु कार्यकर्ता हैं, इसलिए सब कुछ ठीक रहेगा.