माननीयों की गाड़ियों में नहीं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (Video Credit: ETV Bharat) पटना:अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाई है तो तुरंत लगवा लें. ऐसा ना करने पर आपको भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. परिवहन विभाग की तरफ से इस तरीके का विज्ञापन या मैसेज लोगों को भेजा जाता है, लेकिन ऐसे विज्ञापनों या मैसेज का असर बिहार के अनेक माननीयों (विधयकों) पर नहीं पड़ रहा है.
माननीयों की गाड़ियों में नहीं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट: बिहार के कई ऐसे विधायक हैं जिन्हें परिवहन विभाग के नियमों से कोई वास्ता नहीं. बेखौफ होकर ये बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की गाड़ी पर बेधड़क घूमते हैं. सड़क हो या विधानसभा वे बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की गाड़ी लिए सदन में भाग लेने विधानसभा और विधान परिषद पहुंच जाते हैं.
क्या कहना है माननीयों का: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन कई विधायकों की गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं दिखा. इसको लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो सभी ने तरह-तरह के बहाने बनाए. किसी ने कहा ऑनलाइन अप्लाई किया है तो किसी ने कहा कि जब जरूरत होगी तो लगा लेंगे.
'जरूरत होगी तो बदल जाएगा':कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा का गाड़ी का नंबर BR10AD 1111 है. वह बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाये विधानसभा आते हैं. जब उनसे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट है.
''यही हाई सिक्योरिटी नंबर है, यह बड़े काम की चीज है. जब जरूरत होगी तब लगा लिया जाएगा.''-अजीत शर्मा, भागलपुर विधायक, कांग्रेस
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा की गाड़ी (Photo Credit: ETV Bharat) 'मनमानी नहीं है बदल देंगे': बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री और राजद के विधायक प्रो चंद्रशेखर के गाड़ी का नंबर BR43R 0006 है. वे भी बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की गाड़ी से सदन पहुंचते थे. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जो आया है नहीं लगाए हैं.
"यह कोई मनमानी नहीं है. जो आया वही कोई लगा दिया है. फिर जाकर बदल देंगे."- प्रो चंद्रशेखर, मधेपुरा विधायक, आरजेडी
आरजेडी विधायक चंद्रशेखर की गाड़ी (Photo Credit: ETV Bharat) विजय मंडल ने क्या कहा?: राजद के विधायक विजय मंडल भी बिना हाई सिक्योरिटी नंबर की गाड़ी से विधानसभा आते हैं. उनका कहना है कि उनके गाड़ी का हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट टूट गया था. साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का आश्वासन भी दिया है.
"ऑनलाइन आवेदन किए हैं, लेकिन अभी तक मिला नहीं है. आपकी बात से 100% सहमत है कि यह (हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट) लगाना चाहिए."-विजय मंडल, आरजेडी विधायक
आरजेडी विधायक विजय मंडल की गाड़ी (Photo Credit: ETV Bharat) परिवहन मंत्री शीला मंडल ने साधी चुप्पी:बिहार विधानसभा में अनेक ऐसे विधायक और विधान पार्षद हैं जिनकी गाड़ी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा है, लेकिन वे लोग बेखौफ होकर इन गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. जब बात माननीय की है तो उस पर कोई भी कुछ बोलने से बचता है. इस पर जब बिहार की परिवहन मंत्री शीला मंडल से पूछा गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से ही इनकार कर दिया.
क्या है सड़क एवं परिवहन विभाग का नियम:सड़क एवं परिवहन विभाग के नियम के अनुसार 1 अप्रैल, 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों को अपनी पुरानी नंबर प्लेट को नए HSRP के साथ बदलना आवश्यक है. इस आदेश का पालन नहीं करने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
क्या है हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट:वाहनों की सुरक्षा के लिए हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट डिजाइन की गई है. एचएसआरपी एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट होती है, जो वाहन के आगे और पीछे में लगाई जाती है. एचएसआरपी के ऊपरी बाएं कोने पर एक नीले रंग का क्रोमियम आधारित अशोक चक्र का होलोग्राम होता है. इसके निचले बाएं कोने पर एक यूनिक लेजर ब्रांडेड 10 अंकीय पहचान संख्या दिया जाता है.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) चोरी के बाद नंबर प्लेट बदलना आसान नहीं: यह प्लेट HSRP होलोग्राम स्टिकर के साथ आती है. इस नंबर प्लेट पर प्रेशर मशीन के द्वारा गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर लिखे होते हैं. गाड़ियों का नंबर प्लेट नहीं बदल जाए इसीलिए इस नंबर प्लेट को ऐसे फिक्स किया जाता है जिसे बाहर न निकाला जा सके. उसके लगाने का उद्देश्य है कि गाड़ी चोरी के समय उसे गाड़ी का नंबर प्लेट जल्दी नहीं बदला जा सके.
नंबर प्लेट को लेकर नियम:सड़क एवं परिवहन विभाग का नियम है कि वाहनों के नंबर प्लेट पर उसके पंजीकरण नंबर के सिवा और कुछ भी लिखा नहीं होना चाहिए. यदि नंबर प्लेट पर कुछ भी अतिरिक्त लिखा मिलता है तो वह नये मोटर वाहन कानून के अनुसार यातायात के नियमों का उल्लंघन है. ऐसा करने पर धारा 177 के अंतर्गत 500 रुपये और 179 के अंतर्गत 2000 रुपये जुर्माना लिया जा सकता है.केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे आपातकालीन सेवा से जुड़े वाहनों को इससे छूट दी गयी है. इन गाड़ियों पर भी नंबर प्लेट से अलग यह लिखा होना चाहिए.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का लाभ:हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में वाहन की पूरी जानकारी रहती है. इसके ऊपर दिए गए कोड और होलोग्राम के माध्यम से गाड़ी का पूरा डिटेल का पता लग जाता है. इंबॉस और क्रोमियम प्लेटेड होने के कारण यह प्लेट कैमरे में भी दर्ज हो जाती है. इस नंबर प्लेट के लगाने के बाद चोरी या अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है. गाड़ी में एक बार हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग जाने के बाद आसानी से इस नंबर प्लेट को नहीं खोला जा सकता.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) परिवहन विभाग सख्त, विधायक मस्त:राजधानी की सड़कों पर हर जगह सीसीटीवी कैमरा लगा दिया गया है. परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ऑनलाइन चालान काटा जा रहा है. प्रतिदिन राजधानी पटना के सैकड़ों गाड़ियों पर ऑनलाइन चालान भेजा जा रहा है, लेकिन बिहार के इन विधायकों को न परिवहन विभाग के नियम का डर है और ना ही ऑनलाइन चालान कटने का डर है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकारी नियम सिर्फ आम लोगों के लिए ही है या फिर खास लोगों के लिए भी.
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