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रोजगार के मुद्दे पर सियासी दांव-पेच, नौकरी के नाम पर युवाओं को साधने में जुटी राजनीतिक पार्टियां - Bihar assembly election

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 16, 2024, 5:40 PM IST

EMPLOYMENT IN BIHAR बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राज्य की राजनीति में रोजगार का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 लाख नौकरियों का वादा कर चुनावी माहौल गरमा दिया. तेजस्वी यादव पहले से अपने कार्यकाल में 5 लाख नौकरियों देने का उल्लेख कर जनता को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. दोनों नेताओं के इन दावों से यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी चुनाव में रोजगार का मुद्दा एक अहम भूमिका निभाने वाला है. पढ़ें, विस्तार से.

बिहार में नौकरी के नाम पर पॉलिटिक्स
बिहार में नौकरी के नाम पर पॉलिटिक्स. (ETV Bharat)

बिहार में नौकरी के नाम पर पॉलिटिक्स. (ETV Bharat)

पटनाः बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है. राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने एजेंडे को लेकर जनता के बीच सक्रिय हो चुकी हैं. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े वादे किये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 34 लाख युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने की बात कही. वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने 17 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 5 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराया है.

रोजगार का मुद्दा, आज की जरूरतः वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि रोजगार मॉडल तेजस्वी का है या नहीं है, लेकिन आज की जरूरत है. इसमें दो राय नहीं है कि रोजगार को बहुत बड़ा मुद्दा तेजस्वी यादव ने अपने चुनाव प्रचार के समय भी रखा था. शिक्षकों की हो या दूसरे विभागों की, बहाली हुई है. एक मुश्त कई लोगों की बहाली हुई है. सवाल यह है कि यदि यही नियुक्तियां रेगुलर होते रहती तो क्या लाख और दो-दो लाख रिक्तियां आने की नौबत क्यों आती.

"तेजस्वी यादव लगातार लोगों के बीच जाकर, मतदाताओं के बीच जाकर कहते रहे हैं कि रोजगार देना हमारी प्राथमिकता है. तेजस्वी यादव के 10 लाख रोजगार वाले बयान पर नीतीश कुमार का बयान आया था कि पैसे कहां से आएगा. लेकिन अब हर विभाग में बहाली हो रही है."- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार (ETV Bharat)

राजद की रोजगार नीतिः राजद ने आगामी विधानसभा चुनाव में रोजगार को मुद्दा बनाने का फैसला किया है. तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि बिहार से गरीबी मिटाना और युवाओं को रोजगार देना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने बिहार के लोगों को वीडियो संदेश भी दिया. पहले भी तेजस्वी यादव रोजगार के मामले अपने कार्यकाल की उपलब्धि गिनाते रहे हैं.

नौकरी का एजेंडा राजद की देनः आरजेडी का दावा है कि उनकी पार्टी ने पूरे देश में रोजगार को मुद्दा बनाया. तेजस्वी यादव के 17 महीना के कार्यकाल में 5 लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी गई. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है तेजस्वी यादव के छोटे से कार्यकाल में जिस तरीके से युवाओं को नौकरी दी गई उससे बिहार के नौजवानों के चेहरे पर खुशी आ गई थी. स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश के रोजगार के संबंध में दिये गये भाषण को युवाओं में भ्रम पैदा करने वाला बताया.

ETV GFX. (ETV Bharat)

"जिस तरीके से भाजपा ने हर वर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, उसी तरीके से नीतीश कुमार भी बिहार के लोगों से वादा कर रहे हैं. नीतीश कुमार बताएं कि बिहार में महागठबंधन की सरकार जाने के बाद वर्तमान एनडीए की सरकार में कितनी नौकरी दी गई है."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

जदयू का पलटवारःजदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि सात निश्चय पार्ट-2 कार्यक्रम के तहत राज्य के नौजवानों को 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था. उस वादे के मुताबिक गत वर्षो में राज्य सरकार ने 5 लाख से ऊपर ज्यादा नौकरियां दी हैं. कल ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य को संबोधित करते हुए कहा कि 10 लाख नहीं 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे. 32 लाख रोजगार के नए अवसर प्रदान की जाएगी.

अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता. (ETV Bharat)

"तेजस्वी यादव और लालू यादव जी का परिवार पॉलिटिकल रोजगार परिवार में देने के लिए लोग जाने जाते हैं. राजद के नेता जगदानंद सिंह सहित पिता-पुत्र, अली अशरफ फातमी पिता-पुत्र जैसे नाम हैं, जो पारिवारिक राजनीतिक रोजगार देने में लगी हुई है."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

नीतीश के कारण तेजस्वी बने नेताः बीजेपी का मानना है कि नीतीश कुमार के कारण ही तेजस्वी यादव नेता बने. बीजेपी प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार नहीं रहते तो आज तेजस्वी यादव नेता नहीं बन पाते. दोनों भाई विधायक नहीं बनते. भाजपा प्रवक्ता ने राजद पर तंज कसते हुए कहा कि आज तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि रोजगार उनका मॉडल है, लेकिन नीतीश कुमार का मॉडल यदि नहीं रहता तो उनका परिवार जो राजनीतिक अवसान पर चला गया था वापस नहीं आता.

राकेश कुमार सिंह, बीजेपी प्रवक्ता (ETV Bharat)

"बिहार में नौकरी, रोजगार या सड़कों का निर्माण हो यह नीतीश कुमार की देन है. नीतीश कुमार कई जगहों पर कह चुके हैं कि ऐसे लोगों (तेजस्वी-तेजप्रताप) को राजनीति में लाकर उन्होंने गलती की है. बिहार आज विकास की तरफ चल रहा है तो उसके पीछे नीतीश कुमार एवं एनडीए की सरकार है."- राकेश कुमार सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

रोजगार बन रहा मुद्दा: बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग 1 साल का समय बचा है. सभी राजनीतिक दल अभी से अपना-अपना राजनीतिक एजेंडा सेट करने में लगे हुए हैं. इंडिया गठबंधन हो या एनडीए गठबंधन बिहार रोजगार को मुख्य मुद्दा बनाने में लगे हैं. बिहार में नए विकल्प की बात करने वाले जन सुराज के संरक्षक प्रशांत किशोर भी रोजगार के मुद्दे पर ही पूरे बिहार के लोगों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रहे हैं.

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