पटनाः बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है. राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने एजेंडे को लेकर जनता के बीच सक्रिय हो चुकी हैं. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े वादे किये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 34 लाख युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने की बात कही. वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने 17 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 5 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराया है.
रोजगार का मुद्दा, आज की जरूरतः वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि रोजगार मॉडल तेजस्वी का है या नहीं है, लेकिन आज की जरूरत है. इसमें दो राय नहीं है कि रोजगार को बहुत बड़ा मुद्दा तेजस्वी यादव ने अपने चुनाव प्रचार के समय भी रखा था. शिक्षकों की हो या दूसरे विभागों की, बहाली हुई है. एक मुश्त कई लोगों की बहाली हुई है. सवाल यह है कि यदि यही नियुक्तियां रेगुलर होते रहती तो क्या लाख और दो-दो लाख रिक्तियां आने की नौबत क्यों आती.
"तेजस्वी यादव लगातार लोगों के बीच जाकर, मतदाताओं के बीच जाकर कहते रहे हैं कि रोजगार देना हमारी प्राथमिकता है. तेजस्वी यादव के 10 लाख रोजगार वाले बयान पर नीतीश कुमार का बयान आया था कि पैसे कहां से आएगा. लेकिन अब हर विभाग में बहाली हो रही है."- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
राजद की रोजगार नीतिः राजद ने आगामी विधानसभा चुनाव में रोजगार को मुद्दा बनाने का फैसला किया है. तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि बिहार से गरीबी मिटाना और युवाओं को रोजगार देना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने बिहार के लोगों को वीडियो संदेश भी दिया. पहले भी तेजस्वी यादव रोजगार के मामले अपने कार्यकाल की उपलब्धि गिनाते रहे हैं.
नौकरी का एजेंडा राजद की देनः आरजेडी का दावा है कि उनकी पार्टी ने पूरे देश में रोजगार को मुद्दा बनाया. तेजस्वी यादव के 17 महीना के कार्यकाल में 5 लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी गई. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है तेजस्वी यादव के छोटे से कार्यकाल में जिस तरीके से युवाओं को नौकरी दी गई उससे बिहार के नौजवानों के चेहरे पर खुशी आ गई थी. स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश के रोजगार के संबंध में दिये गये भाषण को युवाओं में भ्रम पैदा करने वाला बताया.
"जिस तरीके से भाजपा ने हर वर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, उसी तरीके से नीतीश कुमार भी बिहार के लोगों से वादा कर रहे हैं. नीतीश कुमार बताएं कि बिहार में महागठबंधन की सरकार जाने के बाद वर्तमान एनडीए की सरकार में कितनी नौकरी दी गई है."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता