वाराणसी :काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में व्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट आई है. लगभग चार दिनों से हड़ताल पर गए जूनियर रेजिडेंट काम पर लौट आए हैं. इनके काम पर आने से मरीजों की संख्या भी बढ़ी है और इलाज भी मिलना शुरू हो गया है. बीते चार दिनों से मरीज और परिजन काफी मुश्किलों का सामना कर रहे थे. सैकड़ों की संख्या में मरीज वापस लौटकर जा रहे थे. आज से हालात सुधरे नजर आ रहे हैं.
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद सर सुंदरलाल अस्पताल के जूनियर रेजिडेंट भी हड़ताल पर उतर आए थे. कुल 17 दिन हड़ताल रही. नर्सिंग ऑफिसर 17 से 19 सितंबर तक हड़ताल पर थे. वहीं, पिछले चार दिनों से डॉक्टर कल तक यानी 18 अक्टूबर तक हड़ताल पर रहे. इन 17 दिनों की हड़ताल का असर ये रहा कि सबसे अधिक मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी. व्यवस्था बिगड़ते देख आईएमएस के निदेशक ने जूनियर रेजिडेंटों से बातचीत की.
बैठक के बाद काम पर लौटे रेजिडेंट :IMS-BHU के निदेशक प्रो. एसएन शंखवार ने डॉक्टरों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने रेजिडेंट्स की मांगों पर भी चर्चा की. निदेशक ने कहा कि एमएस ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) बना दी है. रेजिडेंट के साथ कोई घटना होती है तो जांच के बाद 6 घंटे में मुकदमा दर्ज होगा. एसओपी बनाए जाने, मुकदमा, सुरक्षा गार्ड की संख्या बढ़ाने, बायोमेट्रिक लॉक लगाने के आश्वासन पर रेजिडेंट्स मान गए हैं. बैठक में सहमति बनने पर हड़ताल वापसी का फैसला हुआ और जूनियर रेजिडेंट काम पर लौट आए हैं.