चंडीगढ़:पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर प्रदर्शनकारी किसानों से बात करनी चाहिए, क्योंकि आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. दल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हैं, ताकि केंद्र पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें उनकी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगें शामिल हैं.
'किसानों की मांगे जायज': मीडिया रिपोर्टर्स के मुताबिक जगजीत सिंह दल्लेवाल का वजन 11 किलो से अधिक कम हो गया है. जबकि उनका ब्लड शुगर लेवल भी उतार-चढ़ाव वाला है. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा "किसान कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं. वे केवल सरकार को उसके अपने वादों की याद दिला रहे हैं. वे अपनी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहते हैं, जो पूरी तरह से जायज है. सरकार ने किसानों से उनका आंदोलन (2021 में) खत्म करने के लिए यही वादा किया था. भाजपा सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों से बात करनी चाहिए."
'किसानों को दिल्ली कूच के लिए रोकना लोकतंत्र विरोधी कदम': किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने के कदम को भाजपा सरकार का लोकतंत्र विरोधी कदम बताते हुए हुड्डा ने कहा "किसानों की आवाज दबाने की बजाय सरकार को बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए. लोकतंत्र में सभी को कहीं भी आने-जाने और शांतिपूर्वक अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन भाजपा सरकार किसानों से ये अधिकार छीन रही है"
उन्होंने कहा कि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के पैदल दिल्ली जाने को तैयार हो गए हैं और ऐसे में उन्हें रोकना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है. दल्लेवाल, जिनका आमरण अनशन गुरुवार को 17वें दिन में प्रवेश कर गया, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) हर किसान के लिए जीने के मौलिक अधिकार की तरह है.