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हॉस्टल में मिल रहा खराब खाना, धरने पर बैठे BHU के दृष्टिबाधित छात्र, कहा- कई बार की शिकायत, कोई सुनता नहीं - BHU students protest - BHU STUDENTS PROTEST

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बुधवार की देर रात से दृष्टिबाधित छात्रों ने धरना शुरू कर दिया. छात्रों ने हॉस्टल में खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए. कहा कि कई शिकायतों को बावजूद सुनवाई न होने पर उन्हें धरना देना पड़ रहा है.

छात्रों ने लापरवाही का लगाया आरोप.
छात्रों ने लापरवाही का लगाया आरोप. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 19, 2024, 8:38 AM IST

धरने पर बैठे बीएचयू के दृष्टिबाधित छात्र. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी :काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विरोध का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते तीन दिनों से न्याय की मांग को लेकर चल रहा नर्सिंग स्टाफ का प्रदर्शन बुधवार को समाप्त हो गया. वहीं इसके बाद देर रात से विश्वविद्यालय के दृष्टि बाधित छात्रों ने हॉस्टल में व्याप्त अनियमितता को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. सैकड़ों छात्र परिसर के बाहर नारबाजे करने लगी. उन्होंने हॉस्टल में खाने की गुणवत्ता खराब होने का भी आरोप लगाया है.

बता दें कि मृत नर्सिंग स्टाफ खेम सिंह सैनी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर तीन दिनों से चल रहा धरना बुधवार को समाप्त हो गया. इसके बाद देर रात से बिरला ए और सी के दृष्टिबाधित छात्र हॉस्टल में खाने की समस्या को लेकर के धरने पर बैठ गए. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में अनेकों समस्याएं हैं. इनमें सबसे बड़ी समस्या खाने की है. छात्र रवि राय ने बताया कि हमारे हॉस्टल में मेस के नाम पर 3500 शुल्क लिया गया है. केवल 10 दिन मेस चला उसके बाद संचालक मेस बंद करके गायब है. इससे हम सभी छात्रों को बेहद दिक्कत हो रही है. हम सभी दृष्टिबाधित छात्र हैं. इससे हमें और भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

बिरला सी के छात्रों ने कहा कि हम लोगों के हॉस्टल में जो खाना मिलता है उसकी गुणवत्ता बेहद खराब है. यह खाना खाने योग्य नहीं होता. हमने अनेकों बार इसकी लिखित शिकायत बीएचयू प्रशासन, प्रॉक्टोरियल बोर्ड संबंधित अधिकारियों से की है. आज तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई. मजबूर होकर हम लोग धरने पर बैठे हैं. छात्रों का बढ़ता विरोध देखकर मौके पर प्रोक्टोरियल बोर्ड भी पहुंची. छात्रों से वार्ता प्रारंभ की. लिखित आश्वासन न मिलने तक छात्रों ने विरोध प्रदर्शन बंद करने से इनकार कर दिया. छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी अनियमितताओं को दूर करने का हमें लिखित आश्वासन नहीं दे देता, हम इस विरोध को बंद नहीं करेंगे.

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