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भोपाल में PETA का अभियान, बताया- जानवरों की नसबंदी कराना क्यों है जरूरी - focus sterilize pets

Bhopal PETA Campaign : पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के सदस्यों ने भोपाल में जानवरों की नसबंदी के लिए जागरूकता अभियान चलाया. इन्होंने लोगों को समझाया कि जानवरों पर क्रूरता करने के बजाय उनकी नसबंदी कराने पर जोर दें.

Bhopal PETA Campaign
पेटा का अभियान पालतू जानवरों की नसबंदी कराएं

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 23, 2024, 4:20 PM IST

पेटा का अभियान पालतू जानवरों की नसबंदी कराएं

भोपाल।पेटा (PETA) इंडिया के कैंपेन के कोऑर्डिनटोर अथर्व देशमुख ने कहा, "हर साल, लाखों कुत्ते और बिल्लियां सड़कों पर पीड़ित होते हैं या पशु आश्रयों में मर जाते हैं क्योंकि उन्हें एक प्यारभरा घर नहीं मिल पाता है. PETA इंडिया सभी से कुत्तों और बिल्लियों का बंध्याकरण (नसबंदी) कराने का आग्रह करता है. यदि आप अपने परिवार में कुत्ते या बिल्ली का स्वागत करने पर विचार कर रहे हैं तो इन्हें खरीदने के बजाय किसी बेघर जानवर को गोद लें". भारत में अनगिनत कुत्ते और बिल्लियां सड़कों पर जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इनमें से कई पशुओं को रोज़ भुखमरी का सामना करना पड़ता है. लोगों द्वारा मारा-पीटा जाता है या मौत के घाट उतारा जाता है.

रिपोर्ट के अनुसार भारत में अनुमानित 80 मिलियन कुत्ते सड़कों पर

इन पशुओं को चलती सड़क पर गाड़ी से चोट लगने का ख़तरा बना रहता है, या यह अन्य तरीकों से दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं. इनमें से कई पशुओं को अच्छे घरों की कमी के कारण पशु आश्रयों में भेज दिया जाता है. जब भी कोई व्यक्ति पशु बिक्री दुकानों से या किसी ब्रीडर से कुत्ते या बिल्ली को खरीदता है तो किसी बेघर पशु को उसका घर मिलने का अवसर समाप्त हो जाता है. अग्रणी पशु कल्याण विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अनुमानित 80 मिलियन कुत्ते और बिल्लियां अपना जीवन सड़कों पर बिता रहे हैं.

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कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण इसलिए जरूरी

एक मादा कुत्ते का बंध्याकरण करने से छह साल में 67,000 बच्चों को जन्म लेने से रोका जा सकता है और एक मादा बिल्ली का बंध्याकरण करने से 4,20,000 बच्चों के जन्म पर रोक लगाई जा सकती है. जिन पशुओं का बंध्याकरण कराया जाती है वो लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं और मादा पशुओं के मामले में उनके भटकने, लड़ने या कटने की आशंका कम हो जाती है. केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत राज्यों हेतु पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 अधिसूचित किया है. इस नियम के अनुसार, नगर पालिका, नगर निगम और पंचायत जैसे संबंधित स्थानीय निकायों को सामुदायिक कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण के लिए पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया है.

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