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करोड़ों रुपये की फीस लेकर भागे नर्सिंग कॉलेज संचालक, महाघोटाले के व्हिसलब्लोअर ने CBI को लिखा पत्र - Whistleblower letter to CBI - WHISTLEBLOWER LETTER TO CBI

मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने विभिन्न बिंदुओं पर जांच करने की मांग उठाई है. उन्होंने किराए की बिल्डिंग में नर्सिंग कॉलेज चलाने वाले और अब उसे छोड़ भागे कॉलेज संचालक, नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा किराए पर लैब का सामान लाने वाले संचालकों के खिलाफ शिकायती पत्र लिखा है.

WHISTLEBLOWER LETTER TO CBI
फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को लेकर सीबीआई को पत्र (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 20, 2024, 7:45 AM IST

Updated : Jun 20, 2024, 7:53 AM IST

मध्य प्रदेश।राज्य में बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही हैं. घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता उजागर होने के बाद अब दिल्ली सीबीआई इस केस की बारीकी से निगरानी कर रही है. इसी बीच घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा है और कुछ बिंदुओं पर जांच के दौरान विशेष ध्यान देने की गुजारिश की है.

नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर ने सीबीआई ने निष्पक्ष जांच की मांग की (Etv Bharat)

इन बिंदुओं पर जांच की मांग

सीबीआई के डायरेक्टर को संबोधित पत्र में व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने लिखा है कि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी, डीएड-बीएड और अन्य कोर्स भी संचालित किए जाते हैं. निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि करना अतिआवश्यक है.

करोड़ों की फीस लेकर भागे फर्जी कॉलेज संचालक

परमार ने पत्र में आगे लिखा है कि ''सीबीआई जांच के बाद व जांच के दौरान प्रदेश के कई फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालक किराए की बिल्डिंग छोड़कर भाग गए. उन्होंने अपनी कॉलेज की बिल्डिंग बदल ली, लेकिन जिस बिल्डिंग को मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने 2020-21, 2021-22, 2022-23 की मान्यता दी. उसकी जांच भी करना अतिआवश्यक है. क्योंकि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने किराये के भवनों में कॉलेजों की मान्यता लेकर छात्र-छात्राओं से करोड़ों रुपए की राशि फीस के रूप में वसूली है.''

दस्तावेजों की पुष्टि करना अति आवश्यक

रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर से कहा कि ''फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा फैकल्टी को सिर्फ निरीक्षण के दौरान दिखाने के लिए ही रखा जाता है. नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी का सैलरी स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि बारीकी से करने की आवश्यकता है. साथ ही फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा भ्रमित करने के लिए छात्रावास और अस्पताल को कुछ समय के लिए ही किराए पर अनुबंधित किया जाता है, जिसकी पुष्टि करना भी आवश्यक है.''

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जांच कमेटी से हटाएं जाएं कॉलेज प्राचार्य

परमार ने यह भी कहा कि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा लैब में किराए पर सामान लाया जाता है, कॉलेजों के लैब में जो भी समान है उनके बिल की जांच भी करना आवश्यक है. साथ ही फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच टीम में नर्सिंग के सबसे ज्यादा अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और जो किसी भी तरह की गड़बड़ी में संलिप्त ना हो, उसी को शामिल किया जाए. नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्य या डीन और अन्य किसी की अनुशंसा पर रखे गए लोगों को जांच कमेटी से तत्काल हटाकर सीनियर और अनुभवी नर्सिंग अधिकारियों को शामिल कराया जाए.

Last Updated : Jun 20, 2024, 7:53 AM IST

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