मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मोहन यादव की पुलिस को 'सेहत' की सौगात, MP का पहला पुलिस अस्पताल लान्च - MP FIRST POLICE HOSPITAL

सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के पहले पुलिस अस्पताल को लान्च किया. यहां पुलिसकर्मी और उनके परिजनों को इलाज मिलेगा.

MP POLICE HOSPITAL
पुलिस अस्पताल का लोकार्पण (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 23, 2024, 7:49 PM IST

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मध्यप्रदेश के पहले पुलिस अस्पताल का लोकार्पण किया. भोपाल में 50 बेड के इस अस्पताल को बनाने में 12.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसमें रिसेप्शन, वेटिंग एरिया, ओपीडी, पैथलाजी रुम, एक्सरे रुम, डॉक्टर्स लाउंज, रिकवरी हाल, कैफेटेरिया, लेबर हाल, ओटी, माड्यूलर, आईसीयू, मेल वार्ड और फीमेल वार्ड होंगे. इमरजेंसी सेवाओं का फायदा पुलिसकर्मी और उनके परिवार के साथ आम लोगों को भी मिल सकेगा. उद्घाटन समारोह में सीएम के साथ पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, मेयर मालती राय, विधायक भगवान दास सबनानी, मंत्री कृष्णा गौर, विश्वास सारंग और सांसद आलोक शर्मा मौजूद रहे.

स्वास्थ्य विभाग से डेपुटेशन पर आएंगे डाक्टर व अन्य स्टाफ
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि, ''अस्पताल बनने के बाद उलझन थी, कि इसका संचालन कौन करेगा. ऐसे में डीजी बोल रहे थे यह पुलिस परिसर में बना है. पुलिस वालों के लिए बना है, ऐसे में इसका संचालन पुलिस विभाग द्वारा ही किया जाए. डीजी ने कहा कि, वो डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ स्वास्थ्य विभाग से डेपुटेशन पर ले लेंगे.'' सीएम ने कहा कि, ''प्रदेश का यह पहला अस्पताल होगा, जिसका संचालन पुलिस विभाग करने जा रहा है.''

सीएम ने कर्मवीर योद्धा पदक से किया सम्मानित
सीएम ने कहा कि, ''भगवान करे किसी को अस्पताल से काम न पड़े. लेकिन काम पड़ जाएगा तो हमने भगवान के दरबार को तो देखा नहीं. लेकिन अस्पताल जाने पर ही हमें नया जीवन मिलता है.'' इस कार्यक्रम में सीएम ने कोरोना के दौरान अपने कर्तव्य पूरा करने वाले 40 हजार पुलिस कर्मियों को कर्मवीर योद्धा सम्मान देने की घोषणा करते हुए 10 पुलिसकर्मियों को प्रतीकात्मक रुप से पदक और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया.

सीएम ने किया दिशा लर्निंग ऐप लांच
सीएम मोहन यादव ने पुलिस अस्पताल के उद्घाटन अवसर पर विभाग के दिशा लर्निंग ऐप को लांच किया. डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने बताया कि, ''इस ऐप का उद्देश्य पुलिसकर्मियों के बच्चों को सही दिशा और व्यक्तिगत सहायता देना है. इसे कक्षा 8वीं से ऊपर के बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है. यदि कोई बच्चा 12वीं कक्षा में है और उसको करियर गाइडेंस चाहिए, या पता करना है कि उसे किस प्रतियोगी या एंट्रेस एक्जाम की तैयारी करनी है. इसमें सब मिलेगा. इस एप के माध्यम से छात्र जानकारी के लिए एक्सपर्ट से भी जुड़ सकेंगे.'' डीजीपी सक्सेना ने बताया कि, ''पुलिस विभाग द्वारा प्रत्येक जिले और बटालियन में दिशा लर्निंग सेंटर स्थापित किया गया है. यहां 8 से 10 हजार बच्चे रोज शांत माहौल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जहां पर बच्चों को सर्वसुविधा युक्त माहौल, लाईब्रेरी, रीडिंग रुम, इंटरनेट और एसी जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं.''

ई रक्षक ऐप से अपराधों पर करेंगे नकेल
सीएम ने इस दौरान ई रक्षक ऐप का शुभारंभ भी किया. यह एप तकनीकी रुप से क्रिमिनल डेटा बेस पर आधारित है. दरअसल पहले पुलिसकर्मियों के पास अपराधियों का डेटा नहीं होता था. इस ऐप के माध्यम से पुलिसकर्मियों को उनके क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के अपराधियों की जानकारी मिल जाएगी. इसमें 13 मेन्युअल हैं. हिस्ट्री शीटर मीनू में सर्च करते ही पुलिस के सामने संबंधित थाने के हिस्ट्री शीटर अपराधियों का डेटा सामने आ जाएगा. यदि अपराधी नाम गलत बताता है तो फेस रिकाग्निजेशन तकनीकी से चेहरे का मिलान कर अपराधियों की पहचान हो सकेगी. पुलिसकर्मी वाहन का नंबर डालकर उसकी पूरी जानकारी पता कर सकेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details