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MCU में कौन बनेगा कुलगुरु, नियुक्ति में UGC के पैरामीटर्स चलेंगे या सियासत की सिफारिश - Bhopal Makhanlal University

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलगुरु का पद खाली है. इस पद के लिए कई दावेदार कसरत में जुटे हैं. बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार भी कुलगुरु की नियुक्ति में सत्तापक्ष व आरएसएस की चलेगी या फिर यूजीजीसी के पैरामीटर्स के साथ ही एकेडिमिक होने का ध्यान रखा जाएगा.

Bhopal Makhanlal University
माखनलाल यूनिवर्सिटी में कौन बनेगा कुलगुरु (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 6:46 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु के लिए तलाश शुरू हो गई है. माखनलाल यूनिवर्सिटी में कुलगुरु का पद खाली है. बता दें कि इस विश्वविद्यालय में अधिकांशत: वैचारिक आधार पर की गई नियुक्तियों को लेकर विवाद होते रहे हैं. यहां पर लंबे समय से प्रदेश मे सत्ता बदलने के साथ ही कुलगुरु बदलते रहे हैं. हाल ही में डॉ. केजी सुरेश का कार्यकाल पूरा होने के बाद ये पद खाली हुआ है. नए नाम की तलाश की जा रही है.

इस बार संघ भी चाहता है निर्विवाद नियुक्ति हो

आमतौर पर बीजेपी सरकार के दौर में इस पद की नियुक्ति को लेकर आरएसएस की भूमिका भी रहती है, लेकिन इस बार संघ इस पद को लेकर पसोपेश में है. निर्विवाद नियुक्ति के लिए संघ कई पैमानों पर परख कर रहा है. देश के जाने माने शिक्षाविद् मानते हैं कि माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बने, इसके लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालय का कुलगुरु एकेडमिक के साथ ही यूजीसी के मापदंडों को पूरा करने वाला हो. बता दें कि वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रोफेसर रामगोपाल सिंह ने माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पीएचडी कोर्स का सिलेबस तैयार किया था. प्रो. रामगोपाल कहते हैं "देखिए पहले तो मैं ये मानता हूं कि काबिल व्यक्ति के पास सरकारें जाती हैं. योग्य व्यक्ति अपना बायोडाटा नहीं भेजेगा. ये तो प्रशासन का काम है कि वह योग्य व्यक्ति तलाश करे. बाकी जहां तक मापदंडों की बात है तो एकेडमिक व्यक्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए."

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जैसा कुलगुरु होगा, वैसा ही विश्वविद्यालय का माहौल होगा

प्रो. रामगोपाल का कहना है "इस पद के लिए गैर राजनीतिक व्यक्ति होना चाहिए. क्योंकि मैं ये मानता हूं कि जिस तरह का व्यक्ति कुलगुरु के पद पर नियुक्त होगा, वहीं पूरे सिस्टम में जाएगा. कहने का अर्थ ये कि जैसा कुलगुरु होगा वैसे प्रोफेसर्स की नियुक्ति होगी. यानि पूरा सिस्टम यूनिवर्सिटी का इसी पर बनेगा. व्यक्ति सिंद्धांत वाला हो. लीडरशिप की क्वालिटी हो और बेबाकी से मैं ये कहता हूं कि उसने पीएचडी जुगाड़ से नहीं की हो. उसका रिसर्च अच्छे प्रकाशन में हुआ हो. अच्छी जनरल में निकला हो. स्तरीय काम हो उसका. क्योंकि जैसा कुलपति होगा वही पूरे विश्वविद्यालय का वातावरण तैयार करेगा."

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