भोपाल: राजधानी सहित आसपास के क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां काटकर आम लोगों को ठगने वालों पर अब सख्ती होने जा रही है. जिसके तहत कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के कोर्ट में सुनवाई की जा रही है. ज्यादातर केसों में सुनवाई भी पूरी कर ली गई है. जिसके आधार पर इन कॉलोनाइजर्स पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. दरअसल डायवर्सन, कॉलोनाइजर लाइसेंस, टीएंडसीपी परमिशन को लेकर इन्हें नोटिस दिए गए थे. जिसके बाद कॉलोनाईजर्स ने तय समय सीमा में दस्तावेज पेश नहीं किए हैं. अब इनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी हो रही है.
इन क्षेत्रों में पनप रहीं अवैध कॉलोनियां
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि "जिला प्रशासन के अधिकारियों से शहर के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे कराया था. जिसमें कई अवैध कॉलोनियों को चिन्हित किया गया था. इसके बाद उनको नोटिस भेज कर जमीन और कॉलोनी से संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे. जिन कॉलोनाइजर्स ने अब तक वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है. भोपाल के रातीबड़, नीलबड़, रोलूखेड़ी, कानासैय्या, कालापानी, पचामा, पिपलिया बरखेड़ी, अमरावदकलां, शोभापुर, थुआखेड़ा, छावनी पठार समेत कई इलाकों में कॉलोनियां हैं. बैरसिया रोड, सेवनिया ओंकारा, कोलुआ खुर्द, हथाईखेड़ा, रायसेन रोड, बिशनखेड़ी, कलखेड़ा, करोंद, बैरागढ़, भौंरी में भी कॉलोनियां काट दी गई हैं. सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां हुजूर तहसील के छावनी पठार में विकसित हुई हैं."
कलेक्टर कोर्ट से होगा फैसला
नोटिस का जवाब मिलने के बाद कलेक्टर कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है. अब तक एक दर्जन प्रकरण की सुनवाई पूरी हो चुकी है. इन्हीं मामलों में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है. इसके अलावा 2 साल में करीब 2 दर्जन पुराने मामलों पर भी सुनवाई की जाएगी. बता दें कि जिले में बढ़ती अवैध कॉलोनियों को लेकर भोपाल सांसद आलोक शर्मा भी मुद्दा उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जो लोग अवैध कॉलोनी काट रहे हैं, वो जनता को मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करा रहे हैं. ऐसे कॉलोनाइजर्स पर कार्रवाई होगी. सांसद शर्मा ने कहा था कि कई कॉलोनाइजर्स अपने ड्राईवर और प्यून के नाम पर जमीन ले लेते हैं. जिससे वो गंभीर प्रकरणों में जांच से बच जाते हैं.