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राजा भोज और रानी कमलापति के AI जेनरेटेड रील पर विवाद, भोपाल सांसद बोले कराएंगे FIR - DEMAND ACTION ON RAJA BHOJ REEL

भोपाल में लगे राजा भोज और रानी कमलापति के प्रतिमा को एडिट कर रील बनाई गई है.सांसद आलोक शर्मा ने कार्रवाई की मांग की है.

Demand action on Raja Bhoj Rani Kamalapati statue reel
राजा भोज और रानी कमलापति के एआई जेनरेटेड रील पर कार्रवाई की मांग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 20, 2025, 8:30 PM IST

भोपाल: राजधानी के बड़े तालाब में वीआईपी रोड के किनारे राजा भोज की प्रतिमा लगी है. इसके साथ ही छोटे तालाब पर बने रानी कमलापति घाट पर उनकी रानी की प्रतिमा लगी है, लेकिन कुछ असमाजिक तत्वों ने राजा भोज और रानी कमलापति की प्रतिमा को एडिट कर अपमानजनक रील बना दी.

अब यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इसके विरोध में कुछ हिंदू संगठन और भोपाल सांसद आलोक शर्मा भी उतर आए हैं, उन्होंने इस मामले की साइबर सेल में शिकायत करने के साथ ही आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस को निर्देशित किया है.

रील में राजा भोज और रानी कमलापति का अपमान

दरअसल, एआई के माध्यम से दोनों ही प्रतिमाओं को अनौपचारिक और अपमानजनक रूप में प्रस्तुत किया गया है. इन वायरल वीडियो में राजा भोज को मछली पकड़ते हुए, दौड़ते हुए और अन्य हास्यास्पद स्थितियों में दिखाया गया है. एक वीडियो में राजा भोज की प्रतिमा को कपड़े उतारते और शरीर का प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है, जबकि इसी वीडियो में एक राक्षस भी दिख रहा है.

इसमें रानी कमलापति भी अपनी कुर्सी से उठती हुई दिख रही हैं. वहीं दूसरे वीडियो में रानी कमलापति को तालाब में मछली पकड़ते हुए दिखाया गया है. इन दोनों रील के वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश है और वो इसके खिलाफ शिकायत करने की तैयारी में हैं.

वीडियो बनाने और वायरल करने वाले पर एफआईआर की मांग

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने बताया कि "राजा भोज भारतीय इतिहास के महानतम शासकों में एक थे, जिन्होंने मध्यकालीन भारत में कला, विज्ञान और संस्कृति को बढ़ावा दिया. उनकी नीतियों और कार्यों ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला. इसी तरह रानी कमलापति भी एक महान शासिका थीं, जिनका योगदान मध्यभारत की संस्कृति में अनमोल है. उनके योगदान का अपमान करने के बजाय उनका सम्मान किया जाना चाहिए था."

शर्मा ने कहा कि "इस प्रकार के वीडियो न केवल हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का अपमान करते हैं, बल्कि यह युवा पीढ़ी में गलत संदेश भी फैलाते हैं." उन्होंने भोपाल पुलिस और स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में जांच की जाए और इस वीडियो को बनाने और वायरल करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

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