भोपाल।मध्यप्रदेश में बजरंग दल के दीपावली पोस्टर्स को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. इन पोस्टर में अपील की गई है कि दीपावली की खरीदारी उन्हीं से की जाए जो दीपावली मनाते हैं. इन पोस्टर्स पर पहले सियासत हुई. अब संत समाज भी बंटा दिखाई दे रहा है. संत देव मुरारी बापू का कहना है "हिदू त्योहारों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए इस तरह का सामाजिक बहिष्कार जरूरी है."
भोपाल और देवास में लगे पोस्टर्स
भोपाल और देवास जिलों में लगाए गए पोस्टर में जो अपील की गई है, उस पर संत समाज में दो धड़े बंट गए हैं. योग दर्शन परमार्थिक ट्रस्ट के योग गुरु स्वामी हर्षानंद महाराज ने इन पोस्टर्स को लेकर कहा "सीखने की जरूरत इस बात की है कि ना मैं हिंदू बनूं ना तुम मुसलमान बनों. मैं भी इंसान बनूं तुम भी इंसान बनो." ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होने कहा "संसार में केवल दो जातियां हैं स्त्री और पुरुष. ये जो थर्ड जेंडर ये भी शारीरिक विकृति का परिणाम है." वे कहते हैं मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर मानव सभ्यता के लिए बनाए गए थे, लड़ाई झगड़े के लिए नहीं. धर्म तो सनातन है.
धर्म को लेकर ये व्याख्या बड़े काम की
स्वामी हर्षानंद महाराज का कहना है "हमारी सामाजिक व्यवस्था में धर्म क्या है. सैनिक राष्ट्र की सुरक्षा करेगा, ये उसका धर्म है. साधु समाज की सोई चेतना जगाएगा ये उसका धर्म है. व्यवसायी उद्योग को विकसित करेगा ये उसका धर्म है. अगर हमें विश्व गुरु बनना है तो अपनी सोच को अपडेट करना होगा. इस सोच के साथ हम विश्वगुरु नहीं बन सकते. सनातन का सार एक ही सर्वे भवन्तु सुखिनः. जिसमें सबके कल्याण की कामना है."
बजरंग दल के पोस्टर्स का सपोर्ट
वहीं, संत देव मुरारी बापू का कहना है "हिंदू धर्म के त्योहार की परिवत्रता बनी रहे, इसके लिए इस तरह का सामाजिक बहिष्कार जरूरी है. एकता बनी रहनी चाहिए लेकिन ये संदेश देने की जवाबदारी हमेशा से एक समुदाय की ही क्यों है. दूसरा समुदाय भी ध्यान रखे." वहीं, जमीअत उलेमा के प्रदेश अध्यक्ष हाजी हारुन ने बजरंग दल के पोस्टर्स पर एतराज जताया है और कहा "मुसलमान तो हिंदू भाइयों की त्योहार की खुशी को दोगुना करने में हर कदम पर साथ खड़े होते हैं. दीवाली की आतिशबाजी से लेकर रंगरोगन तक मुसलमान हर जगह मौजूद है."