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नहीं रहे शेर-ए-भोपाल आरिफ अकील, 72 वर्ष की उम्र में पूर्व मंत्री ने ली अंतिम सांस - Arif Aqueel Death

कांग्रेस के सीनियर नेता और भोपाल के पूर्व विधायक आरिफ अकील का निधन हो गया है. वह 72 वर्ष के थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे.

ARIF AQUEEL DEATH
पूर्व विधायक आरिफ अकील का निधन (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 8:20 AM IST

Updated : Jul 29, 2024, 10:08 AM IST

भोपाल:मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री औरराजधानी भोपाल के पूर्व विधायक आरिफ अकील का लंबी बीमारी के बार निधन हो गया. उन्होंने भोपाल के एक निजी अस्पताल में सोमवार सुबह अंतिम सांस ली. आरिफ अकील 72 साल के थे. वह भोपाल उत्तर से 6 बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक आरिफ अकील का पिछले लंबे समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा था. उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के चलते अपोलो अस्तपाल में भर्ती किया गया था. उनके निधन पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दुख जताया है.

लगातार जीत का रिकॉर्ड बनाने वाले विधायक थे अकील
बता दें कि भोपाल की उत्तर विधानसभा ऐसे सीट है, जहां से एमपी के इकलौते मुस्लिम विधायक आरिफ अकील ने लगातार चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाया है. 2023 के विधानसभा चुनाव में स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. तब कांग्रेस ने उनके बेटे आतिफ अकील को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया था. और आतिफ अकील बड़ी जीत हासिल की थी.

भोपाल से 6 बार के विधायक रहे हैं आरिफ अकील (ETV Bharat)

शेर के भोपाल के नाम से पहचाने जाते थे
शेर के भोपाल के नाम से पहचाने जाने वाले आरिफ अकील के इंतेकाल की खबर से शहर में शोक की लहर दौड़ गई है. भोपालवासियों के चहेते आरिफ अकील बेहद साधारण जीवन जीते थे. अपने विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों को बसाया है. कई बेघर लोगों को उन्होंने मकान दिलवाए हैं. भोपाल की उत्तर विधानसभा से लगातार 40 साल तक सियासत करने वाले आरिफ अकील कांग्रेस शासनकाल में दो बार मंत्री भी रहे हैं. उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण, जेल, खाद्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है. इस दौरान उन्होंने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है.

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1990 में निर्दलीय चुने गए थे आरिफ
मध्यप्रदेश की भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर सबसे पहले 1977 में चुनाव हुए थे. उस वक्त जनता पार्टी के हामिद कुरैशी ने चुनाव जीता था. 1980 में हुए चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रसूल अहमद सिद्दीकी ने चुनाव में जीत दर्ज की. 1985 के चुनाव में भी सिद्दीकी ने ही चुनाव जीता. 1990 के चुनाव में आरिफ अकील निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और पहली बार वे चुनकर आए. लेकिन 1993 के विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी के रमेश शर्मा से चुनाव हार गए. 1998 में कांग्रेस के टिकट पर आरिफ अकील ने बीजेपी से यह सीट छीन ली. 2003, 2008, 2013 और 2018 में आरिफ अकील इस सीट से लगातार चुनाव जीतते रहे. हैं. इस दौरान बीजेपी ने कई चेहरों को मैदान में उतारा, लेकिन हर बार जीत कांग्रेस की ही हुई. 2023 के विधानसभा चुनाव में आरिफ अकील के उत्तराधिकारी के रूप में उनके बेटे आतिफ अली को चुनाव में उतारा गया और बीजेपी की लहर के बाद भी बीजेपी यह सीट नहीं जीत सकी. इस जीत की वजह आरिफ अकील को ही माना गया.

Last Updated : Jul 29, 2024, 10:08 AM IST

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