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कबाड़ से कमाल : भोपाल के डीपी तिवारी ने तैयार किए मिनिएचर मॉडल, देखकर आप भी करेंगे वाह-वाह

Models Made From Scrap Materials : पहली नजर में इन मॉडल्स को देखकर तो आप भी धोखा खा जाएंगे लेकिन जब आपको पता पड़ेगा कि ये कबाड़ से बने हैं तो आप भी वाह-वाह करने लगेंगे. भोपाल के रहने वाले रिटायर्ड अधिकारी डीपी तिवारी ने कबाड़ से कमाल कर दिया.

models made from scrap materials
40 सालों में तकरीबन 400

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 9:18 PM IST

भोपाल के डीपी तिवारी ने तैयार किए मिनिएचर मॉडल

भोपाल। कबाड़ किसके घर नहीं निकलता और लोग उसे इकठ्ठा कर या तो फेंक देते हैं या कबाड़ी को दे देते हैं. भोपाल के रहने डीपी तिवारी का नजरिया कुछ अलग है. उनकी निगाहें कबाड़ को खोजती हैं. इन मॉडल्स को पहली नजर में देखकर आप नहीं कह सकते कि ये कबाड़ से बने हैं लेकिन वास्तव में ये कबाड़ से ही बनाए गए हैं. कहते हैं कि यदि देखने का नजरिया अच्छा हो तो कबाड़ को भी आकर्षक रूप दिया जा सकता है.

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40 सालों में तकरीबन 400 मॉडल

कोल इंडिया में नौकरी करने के बाद भी कुछ नया करने की चाहत. नौकरी के साथ साथ और रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने मिनिएचर मॉडल बनाना जारी रखा. पिछले 40 सालों में तकरीबन 400 मॉडल तैयार कर दिए.सभी एक से बढ़कर एक. भोपाल के रिटायर्ड अधिकारी डीपी तिवारी ने कबाड़ के सामानों को इस तरह आकार दिया कि उनका नाम एक बार नहीं, बल्कि तीन बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. उन्होंने अलग-अलग सेनाओं से जुड़े इक्युपमेंट, हथियार, म्यूजिक, ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई मॉडल तैयार किए हैं. वे अपने मॉडल्स की देश के कई शहरों में प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं.

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40 सालों में तकरीबन 400 मॉडल बनाए

कबाड़ को ढूंढ़ती हैं निगाहें

देवेन्द्र प्रकाश तिवारी बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही कबाड़ के छोटे-मोटे सामानों से कुछ नया बनाने का शौक था, इसलिए जब भी इलेक्ट्रॉनिक्स या कोई ऑटो पार्ट्स मिलता तो उसे संभाल कर रख लेते. बाद में एनसीसी में सिलेक्ट हुआ, तो इन कबाड़ के सामानों से बंदूक, हेलीकॉप्टर आदि सामान बनाने शुरू कर दिए. लोगों से तारीफ मिली, तो उत्साह भी बढ़ता गया. बाद में कोल इंडिया में सर्विस में आ गया. नौकरी की व्यस्तता के बाद भी कबाड से जुगाड़ कर कुछ न कुछ नया बनाने की कोशिश करता रहा.

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दोस्त भी करते हैं मदद

डीपी तिवारी बताते हैं कि शौक ऐसा है कि जब भी कहीं जाता हूं तो हमेशा नजर नीचे ही होती है कि कहीं कुछ काम का मिल जाए. इलेक्ट्रिक, ऑटोमोबाइल शॉप पर कई बार यूं ही पहुंच जाता हूं. मेरे दोस्तों को भी मेरे शौक का पता है, इसलिए जब भी उनके पास कुछ कबाड़ का सामान होता है, तो वे फेंकते नहीं, बल्कि मुझे दे देते हैं.

भोपाल के डीपी तिवारी ने तैयार किए मिनिएचर मॉडल

3 बार मिल चुका लिम्का बुक

देवेन्द्र प्रकाश तिवारी बताते हैं कि कबाड़ से से उन्होंने अभी तक 400 से ज्यादा मिनिएचर मॉडल तैयार किए हैं. इन मॉडल की खासियत यह है किसी भी मॉडल को बेल्डिंग करके नहीं बनाया गया, बल्कि सभी मॉडलों को असेंबल किया गया है. किसी भी मॉडल पर अलग से कलर नहीं किया गया. कबाड़ से असेंबल कर मॉडल बनाने वाले वे इकलौते व्यक्ति हैं, इसके लिए उन्हें तीन बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड मिल चुका है. सबसे पहले साल 2013 में उन्हें लिम्का बुक मिला था, इसके बाद साल 2018 और 2021 में भी लिम्का बुक मिल चुका है.

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125 से ज्यादा वॉर इक्युपमेंट

वे बताते हैं कि उन्होंने 125 से ज्यादा वॉर इक्युपमेंट भी बनाए हैं, इसके लिए उन्हें वॉडर बुक ऑफ रिकार्ड इंटरनेशनल भी मिल चुका है. वे देश में कई स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं.

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