भोपाल: एम्स भोपाल में पारिवारिक सहयोग के कारण 2 जुड़वा बच्चों को नया जीवन मिला है. दरअसल, इन बच्चों का जन्म तय समय से करीब 2 महीने पहले हुआ था. इन बच्चों की मां सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित थी. इस कारण डॉक्टरों ने मां के स्वास्थ्य को देखते हुए महिला की डिलीवरी कराई थी. जिसमें 2 जुड़वा बच्चों को जन्म हुआ. चूंकि मां खुद बीमार थी, ऐसे में वो बच्चों की सेवा नहीं कर सकती थी और न ही स्तनपान करा सकती थी. ऐसे में दोनों बच्चों को पालने की जिम्मेदारी दादी और नानी को दी गई. एम्स में चले इलाज के कारण सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मां और दोनों जुड़वा बच्चे अब पूर्ण रुप से स्वस्थ हैं.
कंगारु मदर केयर से स्वस्थ हुए बच्चे
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. अजय सिंह ने बताया कि "भारतीय संस्कृति गहरे रूप से परिवार केंद्रित है, जो अस्पताल में भर्ती शिशुओं और माताओं के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है. दादी-नानी की उपस्थिति न केवल भावनात्मक बल्कि शारीरिक सहायता भी प्रदान करती है. जिससे नवजातों को निरंतर देखभाल और प्रेम मिलता है. एम्स भोपाल में हम दादी-नानी को कंगारू मदर केयर में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.