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भोजपुरी में अश्लीलता और फुहड़ता के लिए गायकों के साथ श्रोता भी जिम्मेदार: भरत शर्मा व्यास

Bhojpuri singer Bharat Sharma reached Seraikela. सरायकेला के आदित्यपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में लोकगीत गायक भरत शर्मा ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने भोजपुरी गानों में फुहड़ता और अश्लीलता पर अपनी भड़ास निकाली.

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Singer Bharat Sharma In Seraikela

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 6:38 PM IST

सरायकेला के आदित्यपुर में आयोजित कार्यक्रम में बयान देते भोजपुरी गायक भरत शर्मा.

सरायकेला-खरसावां: वर्तमान समय में भोजपुरी गानों में फुहड़ता और अश्लीलता के लिए सिर्फ वैसे कलाकार या गायक ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि श्रोता वर्ग भी जिम्मेदार हैं. अगर श्रोता वर्ग इन फूहड़ और अश्लील गानों को नकार दें तो भोजपुरी में अश्लीलता फैलाने वाले कलाकारों की दुकानदारी चंद मिनटों में बंद हो जाएगी. यह बातें भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक भरत शर्मा "व्यास" ने सरायकेला जिले के आदित्यपुर में एक कार्यक्रम के मौके पर कही.

आदित्यपुर में भरत शर्मा का किया गया अभिनंदनः भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गायकर भरत शर्मा व्यास शुक्रवार को जमशेदपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. इससे पूर्व आदित्यपुर स्थित एक निजी होटल में आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह के नेतृत्व में भरत शर्मा व्यास का स्वागत और अभिनंदन किया गया. मौके पर पुरेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि भरत शर्मा जब भी जमशेदपुर आते हैं तो उनसे जरूर मुलाकात करते हैं. पुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि भरत शर्मा के आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम के बाद उन्होंने पहली बार नगर निगम चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी. ऐसे में भारत शर्मा व्यास उनके लिए लकी हैं.

इधर, पत्रकारों से बातचीत में भारत शर्मा व्यास ने भोजपुरी भाषा और गीतों को समृद्ध बनाने को लेकर विशेष मुहिम चलाने की बात कही. उन्होंने बताया कि हर मंगलवार और शुक्रवार को अपने ऑफिशियल चैनल पर ये मधुर भोजपुरी गीत जारी करते हैं.

नचनिया की भूमिका अदा कर रहे हैं तथाकथित कलाकारः पत्रकारों से बातचीत के क्रम में भोजपुरी गायक भरत शर्मा व्यास ने बताया कि आज भोजपुरी के कुछ तथाकथित कलाकार शादी-विवाह जैसे आयोजन में नाचने वाले नचनिया की भूमिका अदा कर रहे हैं. महिलाओं के साथ फुहड़ता प्रदर्शित कर वे एल्बम और गीत लॉन्च कर रहे हैं. इसका नतीजा है कि भोजपुरी जैसी समृद्ध भाषा की आज तौहीन हो रही है. उन्होंने बताया कि आज अश्लीलता और फुहड़ता के चलते ही भोजपुरी को आठवीं भाषा अनुसूची में भी स्थान नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए उन्होंने कलाकारों के साथ श्रोता वर्ग को भी जिम्मेदार माना है.

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