भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड में अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां सामाजिक संगठन 'राष्ट्रीय सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकार आयोग भारत सरकार' के प्रदेश अध्यक्ष को मध्य प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम में मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के आदेश जारी हुए हैं. यह सूचना मिलने के बाद डॉ मनोज सिंह श्रीवास नाम के युवक के समर्थक भिंड जिले के अलग-अलग इलाकों में बधाई संदेश देते और बैनर पोस्टर लगाते नजर आए.
अब तक मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में प्रदेश सरकार ने कोई नियुक्तियां नहीं की है. ऐसे में जब इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला से बात की गई, तो उन्होंने इस तरह की कोई भी बात की जानकारी न होने की बात कही. साथ ही इस बात की पुष्टि की कि ऐसी कोई नियुक्ति अभी की ही नहीं गई है.
वल्लभ भवन में बैठने वाले सचिव ने भेजा था पत्र
वहीं जब इस बात की तह तक जाने के लिए खुद मनोज सिंह श्रीवास से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि 'वह राष्ट्रीय सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकार आयोग भारत सरकार के प्रदेश अध्यक्ष हैं. अक्सर भोपाल के वल्लभ भवन में आना-जाना लगा रहता है. मंत्रालय में ही उनके सचिव लोकेश शर्मा बैठते हैं. उनसे बातचीत के दौरान ही शर्मा ने उसे मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाने की बात कही थी. इसके बाद लोकेश शर्मा ने मनोज सिंह श्रीवास को पोस्ट के जरिए एक लेटर भी भेजा था. जिसमें उसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने की बात लिखी हुई थी.
कलेक्टर ने कही FIR की बात
मनोज सिंह श्रीवास का कहना है 'इस पत्र के बारे में जब समर्थकों को पता चला तो उन्होंने उत्साह में बधाई वाले बैनर पोस्टर शहर में लगा दिए. जिस समय यह बैनर पोस्टर लगाए गए, उस वक्त मैं जिले में मौजूद भी नहीं था, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी.' वहीं जब इस बारे में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से बात की गई तो, उन्होंने इस मामले को शासन के नाम पर फ्रॉड करने वाला बताया है. उन्होंने कहा इस तरह की किसी भी कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाली जानकारी शासन द्वारा उन्हें नहीं दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने रुतबे के लिए इस तरह का कार्य अनुचित है. जल्द ही इस मामले में FIR करने पर विचार किया जाएगा.'