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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 2, 2024, 6:33 AM IST

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अब आत्मनिर्भर बनेंगे बेरोजगार युवा प्रभुजन, शुरू हुआ अगरबत्ती और चप्पल निर्माण उद्योग, मिलेगा वेतन - Apna Ghar Ashram

Employment for Youth Prabhu Ji, अपना घर आश्रम बेरोजगार युवा प्रभुजनों को रोजगार दे रहा है. आश्रम की ओर से अगरबत्ती व चप्पल निर्माण उद्योग शुरू किया गया है, जिसमें प्रभुजी काम करते हैं. इसके बदले उन्हें वेतन भी दिया जाएगा.

अपना घर आश्रम में रोजगार
अपना घर आश्रम में रोजगार (Etv Bharat GFX)

अब आत्मनिर्भर बनेंगे बेरोजगार युवा प्रभुजन (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर.अपनों से ठुकराए गए बेसहारा और बेरोजगार प्रभुजन अब आत्मनिर्भर बनेंगे. अपना घर आश्रम ने युवा और बेरोजगार प्रभुजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगरबत्ती व चप्पल निर्माण उद्योग शुरू किया है. आश्रम के ऐसे युवा प्रभुजन जो भविष्य में आम लोगों की तरह गृहस्थ जीवन जीने वाले हैं उनको ध्यान में रखते हुए यह उद्योग शुरू कराया है. उद्योग से होने वाली आय से इन प्रभुजनों को वेतन भी प्रदान किया जाएगा.

प्रभुजनों को मिलेगा वेतन :अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बी एम भारद्वाज ने बताया कि अपनों से दूर आश्रम में रहने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए हमने प्रभुजी पुनर्वास उद्योग नाम से अगरबत्ती और चप्पल निर्माण उद्योग शुरू किया है. इसके पीछे का उद्देश्य ऐसे युवाओं को पुनर्वासित करना है, जो पढ़ने में कमजोर हैं या नौकरी हासिल नहीं कर सकते. उनको इस उद्योग से जोड़ा जाएगा. ये युवा इस उद्योग में नियमित रूप से काम करेंगे और उन्हें उद्योग से होने वाली आय से वेतन भी दिया जाएगा. साथ ही इस उद्योग से होने वाली आय को भी आश्रम के बाल गोपालों पर खर्च किया जाएगा. इस पूरे उद्योग को इन्हीं युवा प्रभुजनों व बच्चों के लिए समर्पित किया गया है.

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ऐसे करेंगे विस्तार :डॉ. भारद्वाज ने बताया कि उद्योग के अंतर्गत प्रभुजनों की ओर से चार प्रकार की अगरबत्ती, महिला-पुरुषों एवं बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की चप्पलें प्रभुजी की ओर से निर्मित की जा रही हैं. संस्था ने यह प्रकल्प इसलिए प्रारंभ किया है कि इसमें आश्रम में रह रहे बच्चे एवं प्रभुजन इन उत्पादों को बड़े स्तर पर बनाकर इस उद्योग का संचालन कर सकें. यहां तैयार होने वाली अगरबत्ती और चप्पलों को आमजन के लिए बाजार कीमत से कम दाम पर उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए आश्रम के मुख्यद्वार के पास एक बड़ी दुकान/शोरूम शुरू कर उसमें इन उत्पादों को आमजन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

पुनर्विवाहित जोड़ों को रोजगार :डॉ. भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम जल्द ही आश्रम में निवासरत 50 जोड़ों का पुनर्विवाह कराएगा. इनके लिए आवास-फ्लैट निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है. ऐसे पुनर्विवाहित जोड़ों को सामान्य जीवन जीने के लिए रोजगार की जरूरत रहेगी. इस उद्योग में ऐसे जोड़ों को भी नौकरी दी जाएगी. उन्हें यहां काम करने पर वेतन देकर पुनर्वासित होने में सहयोग दिया जाएगा.

अपना घर आश्रम के प्रभुजन की ओर से बनाया गया अगरबत्ती (ETV Bharat Bharatpur)

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गौरतलब है कि अपना घर आश्रम की भरतपुर के बझेरा गांव में वर्ष 2000 में स्थापना हुई थी. उस समय आश्रम एक बीघा जमीन पर संचालित था और यहां सिर्फ 23 प्रभुजी निवासरत थे. आज आश्रम की नेपाल समेत देश भर में कुल 60 शाखाएं संचालित हैं. अपना घर आश्रम की सभी शाखों में 12 हजार से अधिक प्रभुजन निवासरत हैं. इतना ही नहीं अब तक हजारों प्रभुजनों को बेहतर देखभाल व उपचार से स्वस्थ कर उनके परिजनों तक पहुंचा चुके हैं.

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