नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारतीय किसान संघ किसानों की उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है. देश की सरकारों के साथ संवाद कर किसानों के पक्ष को मजबूती से रखता आया है. जहां संवाद से रास्ता नहीं निकलता है तो आंदोलन भी करता है. उक्त बातें भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने अपने जारी बयान में कही.
उन्होंने कहा कि 19 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली के रूप में एक लाख किसानों का अनुषासित शांतिपूर्ण प्रदर्षन इसका उदाहरण है. देश भर से किसान दिल्ली में आये शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार से कही और बिना किसी को परेशान किये वापिस लौट गये. मिश्र ने कहा कि जब राजनैतिक मंसा के साथ किसानों के कंधे का प्रयोग कुछ लोग अपनी राजनैतिक हित साधना के लिये करते है तो पीड़ा होती है.
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा भारतीय किसान संघ का मानना है कि जब किसान के नाम पर राजनैतिक आंदोलन चलता है तो इसका नुकसान सिर्फ किसानों को होता है. विगत वर्षों में मंदसौर व दिल्ली में हुए आंदोलन इस बात के प्रमाण है. कहीं छह तो कहीं आंकड़ा छह सौ तक भी पहंचा है, जहां किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उनके मुद्दे व मांगे जस की तस हैं. इसलिए भारतीय किसान संघ का आग्रह है कि किसानों के नाम पर राजनैतिक चुनावी पैंतरावाजी बंद होनी चाहिए.
किसान हित में लड़ने वाले संगठन लगातार किसानों की समस्या निवारण के लिए लड़ रहे हैं. सरकार किसी की भी हो सामंजस्य से किसानों की समस्याओं का समाधान निकाल भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है वह उसे मिलना ही चाहिए. आज बीज व बाजार किसानों की प्रमुख समस्या है. मंडी के अंदर हो या बाहर किसान के साथ बीज व बाजार में शोषण बंद होना चाहिए.