नई दिल्ली:देश भर में मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की गई है. श्री अन्न के अंतर्गत ज्वार, बाजरा, रागी (मडुआ), कंगनी, कुटकी, कोदो, सांवा और जौ जैसे अनाज आते हैं. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन आदि जरूरी तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. ऐसे में भोजन की थाली में मिलेट्स को विशेष अहमियत देने से आपको विभिन्न तरह के फायदे होंगे.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेटस रिसर्च सेंटर के सीनियर रिसर्च फेलो रामकिरण ने बताया कि मिलेट्स दो प्रकार के (Types of Millets) होते हैं. मेजर और माइनर मिलेट्स. मेजर मिलेट्स में रागी, ज्वार और बजरा आता है. वहीं, माइनर मिलेट्स में कंगनी, कुटकी, कोदो और सांवा आदि आते हैं.
मिलट्स में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, डायटरी फाइबर, फास्फोरस, जिंक, कॉपर सेलेनियम एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. यह एंटी इंफ्लेमेटरी व एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो आपके खून को डिटॉक्सीफाई करने व गंभीर बीमारियों के संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है.
किस मिलेट्स में कितनी है प्रोटीन की मात्रा:वर्ल्ड फूड इंडिया में रामकिरण के साथ मौजूद एचआर प्रोफेशनल अंशु निगम ने बताया कि मिलेट्स में प्रोटीन भारी मात्रा में मौजूद होता है. इसमें ज्वार में 10 फीसदी, बाजरा में 11.6 फीसदी, रागी में 7.4 फीसदी, कुटकी में 10.1 फीसदी, सांवा में 6.2 फीसदी और कंगनी में 12.5 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है. वहीं, इसमें सांवा के चावल शुगर के मरीज़ों के लिए काफी लाभकारी होता है. जबकि, कोदो में पोटेशियम की मात्रा होती हैं, जो हृदय संबंधी रोग और किडनी के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं.
मिलेट्स | प्रोटीन की मात्रा (प्रतिशत में) |
ज्वार | 10 |
बाजरा | 11.6 |
रागी | 7.4 |
कुटकी | 10.1 |
सांवा | 6.2 |
कंगनी | 12.5 |