प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में मंगलवार को कहा कि किसी व्यक्ति की हिस्ट्री शीट खोलने से पहले उसे सुनवाई का एक मौका दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले आरोपी को आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए एक मौका देने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जाए.
कोर्ट ने कहा कि जब देश में लोकतंत्र नहीं था, तब औपनिवेशिक शासकों ने भारतीयों के लिए हिस्ट्रीशीट खोलने के जो नियम बनाए थे उनसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन होता था. अब आजादी के बाद संविधान के लागू होने पर प्राकृतिक न्याय के नियमों के पालन किया जाना अनिवार्य है. कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए पुलिस उपायुक्त गौतम बौद्ध नगर के हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश को रद्द कर दिया.
हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर इस आदेश को प्रमुख सचिव (गृह) उत्तर प्रदेश को सूचित करें. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने फिरोज मलिक, साजिद मलिक, इमरान मलिक और निजाम मलिक की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया.