उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

नेताजी सुभाष चंद्र के सामने आगरा के युवाओं ने खून से लिखा था 'जय हिंद', पढ़ें आजादी के मतवालों की रोचक कहानी - Independence Day 2024

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 15, 2024, 7:28 AM IST

आगरा के मोतीगंज मैदान पर नेताजी विशाल सभा में अंग्रेजों पर जमकर गरजे थे. नेताजी ने युवाओं में आजादी का जोश भरा. यही वजह रही कि, युवाओं ने अपने खून से 'जय हिंद' लिख दिया था. जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है. आइए जानते हैं, नेताजी का ताजनगरी से नाता और आजाद की लड़ाई में युवाओं के जोश की पूरी कहानी वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' की जुबानी.

Etv Bharat
आगरा में युवाओं को नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने किया था संबोधित. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)

आगरा: 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा...' का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था. नेताजी के इस नारे ने भारत से ब्रिटिश हुकूमत उखाड़ने में अहम भूमिका निभाई. ताजनगरी से नेताजी का गहरा नाता था. कांग्रेसी नेताओं के साथ ही छात्र नेताओं से नेताजी संपर्क में थे. सन 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद युवाओं में जोश भरने को नेताजी सन 1940 में आगरा आए.

वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' ने सुनाई सुभाष चंद्र बोस के आगरा आने की कहानी. (Video Credit; ETV Bharat)

आगरा के मोतीगंज मैदान पर नेताजी विशाल सभा में अंग्रेजों पर जमकर गरजे थे. नेताजी ने युवाओं में आजादी का जोश भरा. यही वजह रही कि, युवाओं ने अपने खून से 'जय हिंद' लिख दिया था. जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है.

ब्रिटिश हुकूमत को खदेड़ने के लिए देश में दो गुट काम कर रहे थे. एक गुट नरम दल जो गांधीजी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ रहा था तो दूसरा गुट गरम दल था. जिसके लीडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे. बात सन 1939 की है. जब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. चुनाव में महात्मा गांधी ने सीतारमैया को समर्थन दिया था. फिर भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 233 मतों से सीतारमैया को हराया.

नेताजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने को गांधीजी ने अपनी व्यक्तिगत हार बताया तो अप्रैल 1939 में नेताजी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. नेताजी ने ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक पार्टी बनाई. नेताजी अपनी विचारधारा और ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक पार्टी के बारे में बताने के लिए 1940 में दूसरी बार आगरा आए थे.

रतनलाल जैन के आवास पर रुके थे नेताजी:वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि नेताजी पहली बार सन 1938 में आगरा आए थे. तब उनके रुकने की व्यवस्था लोहामंडी खातीपाड़ा स्थित कांग्रेस नेता रतनलाल जैन के आवास पर की गई थी. सन 1940 में जब नेताजी दूसरी बार आगरा आए तो प्रवास का इंतजाम एक बार फिर रतनलाल जैन के आवास पर की गई.

नेताजी के साथ तब कई क्रांतिकारी भी आए थे. आगरा में नेताजी ने क्रांतिकारियों के साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थीं. नेताजी के साथ बौहरे गौरीशंकर गर्ग, हार्डी बम कांड के वासुदेव गुप्त, रोशनलाल करुणेश समेत अन्य क्रांतिकारी से बैठक की थी.

अपने खून से लिख दो जय हिंद:वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि सन 1940 में नेताजी जब आगरा आए तो यहां की आबादी करीब एक लाख की थी. नेताजी की विशाल सभा यमुना किनारे स्थित मोतीगंज चुंगी मैदान में हुई थी. सभा में दस हजार से अधिक की भीड़ जमा हुई थी. नेताजी जब मंच पर आए तो आजादी नारों से सभा गूंज उठी थी. नेताजी ने सभा में आए लोगों से पूछा था कि जो लोग आजादी चाहते हैं वो अपना हाथ उठाएं.

नेताजी की एक आवाज पर सभा में हाथ ही हाथ नजर आने लगे. जिससे नेताजी खुश हुए. फिर बोले कि जो युवा देश को गुलामी की जंजीरोंं से मुक्त कराना चाहते हैं वे अपने खून से लिखकर देंं. ये सुनते ही युवाओं का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया. सभा में मौजूद युवाओं ने अपने खून से कागज पर जय हिंद लिख दिया तो कुछ युवाओं ने वंदे मातरम लिखा था. हर ओर भारत माता की जय और सुभाष चंद्र बोस की जय के जयकारे गूंज रहे थे.

अंग्रेजों पर जमकर बरसे थे नेता जी: मोतीगंज चुंगी मैदान की सभा में नेताजी ने लोगों में जोश भरा था. उन्होंने संबोधन में कहा कि ब्रिटिश नौकरशाही इस समय विश्व युद्ध में उलझी है. यही सही समय है अंग्रेजों पर हमला बोलना का है. जो हमारे लिए बेहद फायेदमंद है. उन्होंने देश को आजादी दिलाने की इच्छा रखने छात्रों से कहा था कि कालेज छोड़कर आजादी के आंदोलन में शामिल हों.

सशस्त्र संघर्ष करने को तैयार हो जाएं. नेताजी की अपील से युवाओं में जोश भर गया. सभा में भारत माता के जय के जयकारे गूंजने लगे. नेताजी ने सभी लोगों से 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' दोहराया था.

ये भी पढ़ेंःरेलवे ने इंजनों का किया नामकरण; देश के शूरवीरों का नाम देकर राष्ट्रनायकों को किया नमन

ABOUT THE AUTHOR

...view details