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हिमाचल में अब संस्कृत टीचर बनने के लिए बीएड जरूरी, जानें नए नियम - NEW RULES FOR SANSKRIT TEACHER

हिमाचल प्रदेश में अब संस्कृत टीचर बनने के लिए बीएड का होना अनिवार्य किया गया है. लोकसेवा या चयन आयोग के जरिए सीधी भर्तियां होगी.

BEd is necessary for Sanskrit teacher in Himachal
हिमाचल प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय (File Photo)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 9:20 AM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में संस्कृत टीचर बनने के लिए नए नियम तय किए गए हैं. प्रदेश में अगर संस्कृत टीचर बनाना है तो इसके लिए अब बीएड का होना अनिवार्य किया गया है. जिसके लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने टीजीटी संस्कृत के भर्ती एवं पदोन्नति नियम जारी कर दिए हैं. वहीं, अब संस्कृत विषय के साथ बीए और एमए करने वाले युवाओं को भी शास्त्री शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा.

अनुबंध आधार पर होगी नियुक्ति

ऐसे में अगर शास्त्री में 50 फीसदी अंक नहीं हैं तो इसके लिए एमए के अंकों के आधार पर नौकरी मिल जाएगी. ये शर्त केवल 2011 के बाद बीएड में दाखिला लेने वालों के लिए लागू होगी. इसके पहले बीएड करने वालों को न्यूनतम अंकों की शर्त में भी छूट दे दी गई है. पहले ये नियुक्ति अनुबंध आधार पर की जाएगी. जिसमें शिक्षकों को 21,360 रुपये का वेतन मिलेगा. बता दें कि टीजीटी संस्कृत के पदों पर लोकसेवा या चयन आयोग के जरिए सीधी भर्तियां होगी. बैच वाइज भर्तियों के लिए डिग्री प्राप्त करने की वरिष्ठता के आधार पर अलग से मेरिट बनाई जाएगी.

संस्कृत कैडर के इतने पद

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीजीटी संस्कृत का कैडर 4,321 है. इन पदों के लिए 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग को पात्र माना गया है. शास्त्री या संस्कृत के एक अनिवार्य विषय के साथ स्नातक और प्रारंभिक शिक्षा में दो साल का डिप्लोमा चाहिए. जिसमें किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, आचार्य में कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ शास्त्री या संस्कृत के एक अनिवार्य विषय के साथ ग्रेजुएशन, संस्कृत में पोस्ट ग्रेजुएशन, आचार्य और बीएड होनी चाहिए. कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ सीनियर सेकेंडरी और संस्कृत के एक अनिवार्य विषय के साथ प्रारंभिक शिक्षा में चार साल का बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन करने वाले भी पात्र होंगे.

ये भी होंगे पात्र

वहीं, एनसीटीई से मान्यता प्राप्त किसी संस्थान से संस्कृत में एक अनिवार्य विषय सहित चार वर्षीय कला शिक्षा स्नातक या विज्ञान शिक्षा स्नातक भी भर्ती के लिए पात्र होंगे. स्कूल शिक्षा बोर्ड से टेट पास अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल किया जाएगा. स्नातक में अंकों का न्यूनतम प्रतिशत उन पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने 29 जुलाई 2011 से पहले ही बीएड या प्रारंभिक शिक्षा स्नातक में प्रवेश लिया था. लोकसेवा आयोग से परामर्श के बाद शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संस्कृत के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम अधिसूचित किए गए हैं.

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