रायपुर: छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने 31 दिसंबर 2024 की देर रात को सहायक शिक्षकों के टर्मिनेशन का आदेश जारी किया. जिसके बाद सहायक शिक्षकों की नौकरी समाप्त हो गई. रायपुर के बीजेपी कार्यालय में पहुंचकर शिक्षकों ने अपना विरोध जताया और सरकार से नौकरी की मांग की. ईटीवी भारत के कैमरे पर शिक्षकों ने अपने दर्द और पीड़ा को एक एक कर बयां किया. सहायक शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने देर रात उनके बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया. जबकि सरकार की तरफ से उन्हें बार-बार यह भरोसा दिया जाता रहा है कि उनके लिए सरकार कुछ करेगी लेकिन देर रात उनकी बर्खास्त की का आदेश जारी हो गया.
"हम लोग सड़क पर आ गए": भाजपा प्रदेश कार्यालय में अपना विरोध जताने पहुंचे सहायक शिक्षकों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह लोग सड़क पर आ गए हैं. उनके जीने का अब कोई आधार बचा ही नहीं. विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे कई शिक्षक बेहोश हो गए जिनको भाजपा पार्टी कार्यालय से एंबुलेंस में ले जाया गया. भाजपा प्रदेश कार्यालय में हजारों की संख्या में शिक्षक पहुंचे थे और अपना विरोध जाता रहे थे.
"सरकार भरोसा देती रही और दूसरा काम कर दिया": ईटीवी भारत से बात करते हुए शिक्षकों ने कहा कि साय सरकार की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि सरकार उनके हित का काम करेगी. लेकिन अब उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में हुए काम को लेकर सहायक शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने सरकार को यह निर्देश जारी किया था कि सरकार अपने अनुसार उनके लिए फैसला ले सकती है. जबकि सरकार ने इस दिशा में कोई काम ही नहीं किया.
महिला शिक्षकों के आंखों से निकले आंसू: कुछ महिला शिक्षकों ने ईटीवी भारत से रोते हुए अपनी पीड़ा बताई. उनका कहना था कि सरकार उनकी किसी बात को सुन ही नहीं रही है. सबसे बड़ी बात कि जिनके पास जाते हैं वह कोई निदान दे ही नहीं पाते. शिक्षकों का कहना था कि लगातार हम लोग इस बात को हर दरवाजे पर रखते रहे हैं. शिक्षा मंत्री, उप मुख्यमंत्री सबके पास जाकर के हम लोगों ने अपनी बातें रखी हैं लेकिन कहीं से हम लोगों को किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली. अब अंत में हम लोगों को बर्खास्त कर दिया गया.
हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हमने अपने मेरिट पर नौकरी हासिल की. सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया गलत थी तो इसकी सजा हम क्यों भुगते. हमें सरकार को समायोजित करना चाहिए- प्रदर्शनकारी शिक्षक