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2024 में बस्तर रहा राजनीति का केंद्र, नक्सलवाद से जंग में मिली सफलता, बस्तर ओलंपिक की रही धूम - BASTAR REMAINED CENTER OF POLITICS

2024 में कांग्रेस को मिली हार बीजेपी को मिला जीत का माइलेज. नक्सलवाद पर हुआ कड़ा प्रहार. ब्यूरो चीफ भूपेंद्र दुबे की खास रिपोर्ट.

Bastar remained center of politics in 2024
2024 में राजनीति का केंद्र रहा बस्तर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 28, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Dec 28, 2024, 9:00 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ का बस्तर डिवीजन व्यवस्था की बुनियाद है. पूरे देश में बस्तर अपनी खूबियों के लिए और नक्सलियों के लिए भी जाना जाता है. बात 2024 की करें तो सियासी फतेह के लिए दिग्गजों के राजनीतिक सफरनामे का लॉन्चिंग पैड भी बस्तर ही रहा है. 2024 की सियासत में बस्तर ने भाजपा के खाते में 2019 की हारी हुई सीट को डाला था तो 2024 के सफरनामे से विकास की नई बुनियाद को रखने का काम भी बस्तर में हो रहा है.

2024 में बस्तर का सियासी सफरनामा: बस्तर में हालात तेजी से बदल रहे हैं. बस्तर के लोग वोट के जरिए अपने हक और हुकूक की आवाज को बुलंद कर रहे हैं. सरकार भी बस्तर को विकास की लाइन से जोड़ने के लिए जोर शोर से काम कर रही है. बस्तर को सड़कों से जोड़ने का काम जारी है. पुलिस कैंपों के जरिए बस्तर में स्वास्थ्य और शिक्षा का दायरा बढ़ाया जा रहा है. जो बस्तर दशकों से पर्यटकों की नजरों से दूर था अब वो पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रहा है.

2024 में राजनीति का केंद्र रहा बस्तर: 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बस्तर में विजयी हुई. 2019 के चुनाव में जो झटका बीजेपी ने खाया था उसका बदला उसने 24 में लिया. बस्तर शुरु से कांग्रेस और बीजेपी के लिए अहम रहा है. लोकसभा का चुनाव का आगाज भी दोनों ही पार्टियों ने बस्तर की धरती से की थी. बस्तर को दोनों ही पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए लॉन्चिंग पैड की तरह इस्तेमाल करती रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और राहुल गांधी दोनों ने यहां से छत्तीसगढ़ में प्रचार का आगाज किया.

आमाबाल में मोदी की रैली से शुरुआत: 8 अप्रैल 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर के आमाबाल गांव से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की. कहते हैं रायपुर की जीत का रास्ता बस्तर से होकर गुजरता है. जो बस्तर जीतता है उसी की सरकार बनती है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जीत के आंकड़े इस बात को सच साबित करते हैं.

चुनाव आयोग की भी रही बस्तर पर पैनी नजर: छत्तीसगढ़ में 2024 का लोकसभा चुनाव तीन चरणों में हुआ. पहले चरण में सिर्फ एक सीट पर मतदान हुआ वो सीट बस्तर लोकसभा थी. दूसरे चरण में तीन सीटों पर मतदान हुआ. तीसरे चरण में 7 सीटों पर मतदान हुआ. बस्तर में फैले नक्सलवाद के चलते चुनाव आयोग ने भी पहले चरण में यहां भारी सुरक्षा के बीच वोटिंग संपन्न कराई. जिन इलाकों में वोटिंग प्रतिशत कम दर्ज होता था वहां पर रिकार्ड मतदान दर्ज हुआ. बीजेपी ने जो सीट 2019 में हारी उसे फिर से जीत कर अपनी झोली में डाला.

पीसीसी चीफ दीपक बैज को मिली हार: वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज 2019 में बस्तर से लोकसभा का चुनाव जीता था. 2024 में कांग्रेस ने वहां से उम्मीदवार बदल दिया. नतीजा ये रहा कि वहां से कांग्रेस हार गई. सियासी गुणा गणित फिट करने में कांग्रेस फेल रही. पार्टी में गुटबाजी भी हार की बड़ी वजह बनी. कांग्रेस ने कवासी लखमा को मैदान में उतारा था जिसे बीजेपी के महेश कश्यप ने शिकस्त दी.

देश के लिए बस्तर बना मॉडल: 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश के लिए छत्तीसगढ़ एक मॉडल बन गया. भाजपा ने इसे अपना चुनावी मुद्दा बनाया और कांग्रेस के पास इसे रोकने के लिए कोई मजबूत राजनीतिक विकल्प नहीं था. नक्सली संगठन को खत्म करने की तैयारी में जिस तरीके से सुरक्षा एजेंसियां जुटी उसकी सभी ने तारीफ की. बीजेपी ने उस काम का श्रेय लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. पार्टी ने बस्तर को विकास का मॉडल बनाने का नारा दिया जो चुनाव में सफल साबित हुआ.

अमित शाह के प्रचार में नक्सलवाद पर फोकस: 24 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह की कई रैलियां छत्तीसगढ़ में हुई. अमित शाह की पहली रैली 14 अप्रैल को खैरागढ़ में हुई. दूसरी रैली 22 अप्रैल को कांकेर और तीसरी रैली 26 अप्रैल को बेमेतरा में की. चौथी रैली शाह की मई दिवस के दिन कटघोरा में की. इन सभी रैलियों में एक खास बात रही वो थी नक्सलवाद पर गहरी चोट. सभी रैलियों के जरिए अमित शाह ने नक्सलवाद पर करारा प्रहार किया. बस्तर को नक्सल मुक्त करने का दम भरा.

जेपी नड्डा के भाषण भी माओवाद पर केंद्रित रहे: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी 22 अप्रैल को पहली रैली लोरमी और भिलाई में की. दोनों ही रैलियों के जरिए जेपी नड्डा ने माओवाद पर जोरदार प्रहार किया. जनता को बताया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ही इस समस्या से लोगों को छुटकारा दिला सकती है.

योगी की हुंकार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नक्सलियों को विकास का विरोधी बताया. योगी ने अपने भाषण में कहा कि बीजेपी की सरकार आएगी तो नक्सलियों को बस्तर और छत्तीसगढ़ छोड़कर भागना होगा. 2024 के चुनाव में बीजेपी ने बस्तर में विकास और नक्सलवाद को बड़ा मुद्दा बनाया.

बस्तर ओलंपिक: बस्तर ओलंपिक के जरिए युवाओं में अनुशासन और राष्ट्र प्रेम की भावना भरने में भी सरकार सफल रही. बस्तर ओलंपिक के समापन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री ने खुद इस आयोजन की तारीफ की. राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा का नाम लेते हुए शाह ने कहा कि ऐसे आयोजन आप भविष्य में भी कराते रहें हम जरुर आएंगे. शाह ने तो यहां तक कहा कि 2026 में जब मैं बस्तर ओलंपिक में शामिल होने आऊंगा तबतक नक्सलवाद खत्म हो चुका होगा. शाह ने कहा कि चित्रकोट में जम्मू कश्मीर से भी ज्यादा पर्यटक आएंगे नक्सलवाद के खत्म होने के बाद.

UN के 60 देशों के बेस्ट गांव की लिस्ट में धुड़मारास शामिल: संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने बस्तर जिले के धूड़मारास गांव को सांस्कृतिक विरासत प्राकृतिक सुंदरता के रुप में पहचान दी है. पर्यटन विकास की क्षमता को लेकर भी इसे बेस्ट टूरिज्म विलेज का अवार्ड वाली सूची में शामिल किया. 2024 निश्चित तौर पर बस्तर के नई बुनियाद का आधार रख दिया है.

बदल रहा बस्तर:गृहमंत्री विजय शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा भी है कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है. सुरक्षा एजेंसियां अपने काम में लगी हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में हम बस्तर तक विकास पहुंचा कर दम लेंगे. विजय शर्मा ने कहा कि जो भटके हुए युवा हिंसा के रास्ते पर चले गए हैं उनको वापस आने का मौका दिया जा रहा है. हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाएं. सरकार की नियद नेल्लानार और लोन वर्राटू योजना ऐसे ही भटके लोगों के लिए चलाई गई है.

छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र का पूरा सहयोग: गृहमंत्री विजय शर्मा ने पूर्व में ही कहा है कि बस्तर बदल रहा है क्योंकि बस्तर के लोगों का मन बदलने लगा है. बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार और छत्तीसगढ़ की सरकार दोनों बस्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. समाज की मुख्यधारा से भटके नक्सलियों से निवेदन है कि वो हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा से जुड़ें. बस्तर के विकास सब मिलकर काम करें. जल जीवन मिशन हो या फिर पीएम आवास योजना हम सबके लिए काम कर रहे हैं. महिलाओं और बेटियों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. केंद्र से हमें पूरा सहयोग मिल रहा है.

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Last Updated : Dec 28, 2024, 9:00 PM IST

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