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बस्तर दशहरा के लिए कोंडागांव से रवाना हुई भव्य परंपरागत टोली, विधायक लता उसेंडी ने दी विदाई

बस्तर दशहरा के लिए कोंडागांव से परंपरागत टोली रवाना हुई. विधायक लता उसेंडी ने टोली को विदाई दी.

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 5 hours ago

Bastar Dussehra
बस्तर दशहरा (ETV Bharat)

कोंडागांव:छत्तीसगढ़ के बस्तर में बस्तर दशहरा पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस बीच 12 अक्टूबर को कोंडागांव के चौपाटी मैदान से पारंपरिक ढंग से सजी टोली को रवाना किया गया. इस टोली में सजे-धजे मांझी, चालकी, गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, मेमर, मेमरिन, नाइक, पाइक, नेगी, जोगी, सैदार और पैदार जैसे समूह शामिल रहे. सभी समूहों ने बस्तर दशहरा महोत्सव के लिए विदाई ली. इस मौके पर विदाई समारोह का आयोजन स्थानीय विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी की अगुवाई में हुई.

विधायक ने टोली को दी बधाई:इस समारोह में आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त रेशमा खान भी उपस्थित रहीं. इस दौरान विधायक लता उसेंडी ने उपस्थित टोली के सदस्यों को शुभकामनाएं दी. लता उसेंडी ने बस्तर दशहरा मोहत्सव के महत्व को समझाया. विधायक ने कहा कि यह पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है. इसे जीवंत बनाए रखना हम सबका कर्तव्य है. यह सिर्फ उत्सव नहीं, हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर हो रही है.

कोंडागांव से रवाना हुई भव्य परंपरागत टोली (ETV Bharat)

वर्षों से निभाई जा रही परम्परा:दशहरा महोत्सव की भव्यता को देखते हुए कोंडागांव जिला प्रशासन ने विशेष तैयारियां की थी. इसे लेकर मांझी चालकी जिलाध्यक्ष गंगाराम नाग ने बताया कि बस्तर महाराज की तरफ से सन 1400 में जगन्नाथ पुरी से लाए गए रथों के बाद से यह परंपरा जारी है. हमारे पूर्वजों ने इस परंपरा को बड़े श्रद्धा भाव से मनाया और आज भी हम उसी उत्साह और श्रद्धा के साथ इसे निभा रहे हैं. पहले हम पैदल चलकर दशहरा मनाने जाते थे, अब प्रशासन की मदद से सुविधाएं बेहतर हुई हैं.

बस्तर दशहरा की विश्व में खास पहचान:कोंडागांव से रवाना हुई यह पारंपरिक टोली बस्तर के जगदलपुर में आयोजित मुख्य दशहरा महोत्सव में शामिल होंगे. बस्तर दशहरा का यह महापर्व न केवल इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करता है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी एकजुट करता है. बस्तर दशहरा अपने अद्वितीय स्वरूप के कारण न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व में भी एक विशेष पहचान रखता है. इस वर्ष के महोत्सव में कला, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा. स्थानीय लोग और पर्यटक इस महोत्सव का बेसब्री से इंतजार करते हैं.

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