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बड़वानी में एग्जाम देने के लिए छात्रों उठाया फावड़ा, छोटी सी गलती मिली बड़ी सजा

बड़वानी के एक शासकीय कॉलेज में ड्रेस नहीं पहन कर आने पर छात्रों को अनोखी सजा दी गई. उनसे तगारी-फावड़े से श्रमदान कराया गया.

BARWANI STUDENTS DO SHRAMDAAN
बिना ड्रेस आने पर छात्रों को एग्जाम से रोका गया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 8 hours ago

बड़वानी:अंजड़ रोड स्थित आदर्श कॉलेज में बड़े बाल होने और ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाले विद्यार्थियों को विभागाध्यक्ष ने आंतरिक मूल्यांकन (सीसी) टेस्ट देने से रोक दिया. पहले तो छात्रों को कॉलेज के बाहर ही रोक दिया गया, फिर उनसे कहा गया सीसी में शामिल होना है तो तगारी-फावड़े उठाओ और मुरम-मिट्टी डालकर श्रमदान करो, तब सीसी दे पाओगे. इस तरह की अनोखी श्रम सजा मिलने पर विद्यार्थियों में आक्रोश पैदा हो गया. वहीं, मामले की सूचना पर छात्र संगठन ने भी कॉलेज पहुंचकर नाराजगी जताई.

बिना ड्रेस आने पर छात्रों को एग्जाम से रोका गया

कॉलेज के विद्यार्थी ने बताया कि 'वे करी रोड स्थित आदर्श कॉलेज में पढ़ते हैं. दरअसल 18 नवंबर को वे अपने दोस्त के साथ कॉलेज गए थे, तो दोस्त के बाल कुछ बड़े थे. इस पर भूगोल विभागाध्यक्ष दिनेश कुमार पाटीदार ने अनोखा पनिसमेंट देते हुए तगारी-फावड़े से मिट्टी उठाने को कहा. उस समय उसके दोस्त की तबीयत भी खराब थी. उसके बाद जब कॉलेज पहुंचे तो वे ड्रेस नहीं पहने थे. इस पर संबंधित विभागाध्यक्ष ने कॉलेज में प्रवेश करने से रोका और कहा कि सीसी टेस्ट देना है तो पांच-पांच तगारी मिट्टी उठाकर डालो.'

एबीवीपी के दखल के बाद दिया एग्जाम

छात्रों ने पूरे मामले की जानकारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को दी. एबीवीपी के दखल के बाद विभागाध्यक्ष ने उनको सीसी में शामिल होने दिया. छात्र ने कहा कि किसी कारण अगर कोई विद्यार्थी यूनिफार्म पहनकर नहीं आए तो उसे पनिशमेंट के तौर पर बाहर खड़ा करने जैसी सजा दी जा सकती है, लेकिन तगारी- फावड़े से श्रमदान करवाना अनुचित है.

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'आगे से ऐसा को पनिशमेंट नहीं दिया जाएगा'

मामले को लेकर आदर्श कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बलराम बघेल ने कहा, "यह मामला जब मेरे संज्ञान में आया तो भूगोल विभाग के डॉ. पाटीदार से चर्चा की. जिसमें उन्होंने बताया कि कॉलेज में आंतरिक मूल्यांकन (सीसी) चल रहा था. कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होकर अनिवार्य किया है. कुछ बच्चे बिना ड्रेस कोड आए थे, जिनको श्रमदान स्वरूप 5-5 तगारी मिट्टी डालने को कहा. चूंकि इस तरह का कार्य गलत है. विभागाध्यक्ष को स्पष्ट कहा कि आगे से विद्यार्थियों को इस तरह कोई पनिशमेंट नहीं दिया जाए."

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