बड़वानी: शहर सहित ग्रामीण अंचलों में हजारों लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिख रहे हैं. बड़वानी जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हालत यह है कि हर घर में कोई न कोई बीमार जरूर हो रहा है. चिकित्सकों ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है. डॉक्टर भी डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने से इनकार नहीं कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार मौसम बदलने से भी परेशानी हो रही है. रात में ठंड और दिन में तेज धूप से तापमान में बड़ा अंतर हो गया है.
डेंगू चिकनगुनिया के लक्षणों से लोग चिंतित
वर्तमान में हजारों लोगों में सर्दी, खांसी, बुखार, बदन में दर्द और गले में खराश के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेखा जमरे का कहना है कि, "यह लक्षण कॉमन कोल्ड फ्लू और वायरल फीवर तीनों में नजर आते हैं. यही कारण है कि बहुत से लोग यह अंतर नहीं कर पा रहे हैं और चिंतित हो रहे हैं. वे नहीं समझ पा रहे हैं कि, उन्हें सामान्य सर्दी जुकाम और वायरल फ्लू हुआ है या फिर डेंगू ने जकड़ा है."
बड़वानी जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी (ETV Bharat) सीएमएचओ ने बताया कि 3-4 दिन इंतजार करने के बाद तबीयत ठीक नहीं होने पर डेंगू टेस्ट करवाना चाहिए. चिकित्सकों का कहना है कि जिन लोगों को सर्दी जुकाम होता है, उनमें बीमारी के लक्षण आमतौर पर 1 से 4 दिन के अंदर बढ़ने लगते हैं. 4 से 6 दिन के अंदर तबीयत ठीक न हो तो टेस्ट करा लेना चाहिए. जिससे सही इलाज शुरू हो सके.
लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या
सीएमएचओ सुरेखा जमरे ने बताया कि, "इन दिनों लोगों के स्वास्थ्य पर मौसम का विपरीत असर पड़ रहा है. हालत यह है कि सामान्य दिनों में ओपीडी में मरीजों की संख्या जहां 200 से 300 होती थी इन दिनों मरीजों की संख्या 600 के पार पहुंच गई है. इसमें डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. हम जिलेभर की बात करें तो 33 मरीज डेंगू के निकले हैं, वहीं, 11 मरीज चिकनगुनिया के मिले हैं."
दवाई का छिड़काव तेज करने की मांग
शहर के कुछ क्षेत्रों में पिछले दिनों नगर निगम ने मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग सहित दवाई का छिड़काव किया था. लेकिन शहर में मच्छरों की संख्या बढ़ने के बाद अब इस अभियान को तेज करने की मांग की जा रही है. कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष राकेश सिंह जाधव का कहना है कि, "मच्छरों की समस्या बनी हुई है. लोगों को घरों में मच्छर रोगी क्वाइल, स्प्रे लिक्विड आदि का ज्यादा उपयोग करना पड़ रहा है."