बाड़मेर : कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले अशोक की उम्र भले ही कम हो, लेकिन जज्बा बड़ा है. पिता को आर्थिक मदद देने के लिए अशोक इन दिनों हाथ ठेले पर रख मिट्टी का दीया बेच रहा है. खास बात यह है कि वो खुद मिट्टी के दीये लाता है और उन पर रंगों से अलग-अलग तरह की डिजाइन बनाता है, ताकि उसके दीपक ज्यादा खूबसूरत लगे और उनकी बिक्री हो सके. शहर के मुख्य बाजार में सुबह से लेकर देर शाम तक अशोक हाथ ठेले लेकर दीया बेचते नजर आता है.
मूल रूप से अशोक जिले के कोलू का निवासी है, लेकिन फिलहाल उसका परिवार बाड़मेर शहर में रह रहा है. उसने बताया कि वो कक्षा 9वीं में पढ़ता है और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वो अपने पिता की मदद करने के लिए इन दिनों दीपावली के दीये बच रहा है. उसने बताया कि उसके परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई है.