नई दिल्ली:करवा चौथ महिलाओं के लिए विशेष पर्व है. शादीशुदा महिलाएं साल भर इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करती हैं. इस दिन के लिए वह खासा तैयारियां करती हैं. साज श्रृंगार के लिए बाजारों से चुन-चुनकर चीजें खरीदती हैं. कपड़ों से लेकर 16 श्रृंगार व्रत में काफी अहम माने जाते हैं. 16 श्रृंगार में सबसे अहम होती है सुहाग की चूड़ियां. करवा चौथ के लिए महिलाएं अलग-अलग रंगों की और डिजाइन वाली चूड़ियां खरीदती हैं. राजधानी का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस के पास चूड़ियों का ऐतिहासिक बाजार है. यहां दूर दूर से महिलाएं चूड़ियां खरीदने आती है. इस बाजार में चूड़ियों की लेटेस्ट और ट्रेडिशनल डिजाइन मौजूद हैं. यह बाजार प्राचीन हनुमान मंदिर के पास है.
कांच की चूड़ियों की हर वैराइटी यहां:गुड़गांव की रजनी ने बताया कि 45 वर्षों से वह केवल इसी बाजार से चूड़ियां लेती हैं. यह बाजार उनकी सभी उम्मीदों पर खरा उतरता है. यहां कांच की चूड़ियों की खूब सारी वैरायटी होती हैं. सेलेक्ट करने में ज्यादा टाइम नहीं लगता. उन्होंने बताया कि उनके परिवार में सुहागन महिलाएं केवल कांच की ही चूड़ियां पहनती है. इसको ही सुहाग का प्रतीक मानना जाता है.
इस बाजार से बचपन की यादें जुड़ी हुई:द्वारका से करवा चौथ के लिए चूड़ियां खरीदने पहुंची शालू ने बताया कि हनुमान मंदिर के इस चूड़ियों के बाजार से बचपन की यादें जुड़ी हैं. पहले मां के साथ यहां आया करते थे. अब खुद के लिए चूड़ियां खरीदने भी इसी बाजार में आते हैं. यहां लेटेस्ट और ट्रेडिशनल डिजाइन की चूड़ियां मिल जाती हैं. जो डिजाइन पूरी दिल्ली में कहीं नहीं मिलता, वो इस बाजार में जरूर मिल जाता है. यहां आकर कभी भी निराशा नहीं होती है.
दूर-दूर से महिलाएं पहुंचती है यहां:शालू आगे बताती हैं कि वह द्वारका से CP तक दिल्ली मेट्रो से आई है. बीच दो बड़े मार्किट पड़ते हैं, जो दिल्ली में काफी मशहूर हैं लेकिन चूड़ियों के मामले में उनको यही बाजार पसंद है. इस बार करवा चौथ पर उन्होंने लाल रंग में लेटेस्ट डिजाइन की चूड़ियां खरीदी हैं.
फिरोजाबाद से लेकर राजस्थानी चूड़ियों का कलेक्शन :कनॉट प्लेस स्थित चूड़ियों के बाजार में फिरोजाबाद से लेकर राजस्थानी, जयपुरी डिजाइन वाली चूड़ियां उपलब्ध हैं. और तो और इस बाजार में स्टोन, जरी, मेटल समेत अलग-अलग प्रकार और बेहद ही सुंदर डिजाइन वाली चूड़ियां मिलती हैं. जिसकी खरीदारी के लिए ना केवल दिल्ली बल्कि दिल्ली से सटे राज्यों से भी महिलाएं खासतौर पर करवा चौथ पर आती हैं.