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बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के विरोध में लखनऊ में निकाला जुलूस, कहा- भारत सरकार उठाए जरूरी कदम, पीड़ितों को शरण मिले - Bangladesh violence

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 12, 2024, 1:25 PM IST

Updated : Aug 12, 2024, 1:31 PM IST

बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है. लगातार वहां हिंदुओं पर अत्याचार के साथ उनके मंदिर भी तोड़े जा रहे हैं. सोमवार को इसके विरोध में लोगों ने लखनऊ में जुलूस निकाला. इसके बाद ज्ञापन सौंपकर उचित कदम उठाने की बात कही.

लखनऊ में लोगों ने निकाला जुलूस.
लखनऊ में लोगों ने निकाला जुलूस. (Photo Credit; ETV Bharat)

जुलूस निकाल कर सौंपा ज्ञापन. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ :बांग्लादेश में हिंदूओं के नरसंहार के विरोध में लखनऊ के वृंदावन क्षेत्र के वृंदावन सनातन समिति के बैनर चले लोगों ने आवाज उठाई. भारत सरकार से इसमें दखल देने की मांग की. काफी संख्या में पुरुष, महिलाओं और बच्चों ने वृन्देश्वर मंदिर से ट्रामा सेंटर होकर हिमालय एन्क्लेव रोड होते हुए रायबरेली रोड पर जुलूस निकाला. इसके बाद एसजीपीजीआई कोतवाली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी के नाम का ज्ञापन कोतवाली प्रभारी बृजेश तिवारी को सौंपा.

श्री शिव मिश्रा ने जुलूस में शामिल लोगों को ज्ञापन पढ़कर सुनाया. ज्ञापन में बांग्लादेश में हो रही हाल की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त भारत से हस्तक्षेप की मांग की गई. कहा कि हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है. उनके मंदिरों, घरों और कार्यालयों में लूटपाट और आगजनी की जा रही है. संपत्तियां लूटी जा रहीं हैं. बड़े पैमाने पर हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं. हिंदू परिवारों का जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है. ऐसा न करने पर उनका सामूहिक नरसंहार किया जा रहा है.

जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू भाग कर भारत की सीमा पर पहुंच रहे हैं. सीमा सुरक्षा बल के जवान उन्हें भारत में घुसने नहीं दे रहे हैं. देश के विभाजन के समय से वहां लगातार हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है. स्वतंत्रता के बाद से अब तक 5 करोड़ हिंदू लापता हो चुके हैं या तो उनका धर्मांतरण कर दिया गया है. 1947 में वहां हिंदुओं की जनसंख्या 28% थी जो आज घटकर 7% रह गई है. वर्तमान परिदृश्य में हिंदुओं का पूरी तरह से सफाया षड्यंत्र रचा गया है.

ज्ञापन में भारत सरकार से सैन्य हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा गया है कि भारत सरकार तुरंत आवश्यक कदम उठाए. यह भी कहा गया है कि सीमा सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाए कि वह प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद सभी हिंदू शरणार्थियों को भारत आने दें. भारत में उनके रहने खाने पीने की समुचित व्यवस्था की जाए. उन्हें अतिशीघ्र नागरिकता भी प्रदान की जाए. डॉ. गोमती द्विवेदी, डॉ. देवाशीष शर्मा, अखिलेश त्रिपाठी, प्रवीण पांडे, संदीप गोसाई, शैलेश कुमार का कहना है कि भारत सरकार से यह भी मांग की गई है कि वह बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी सुविधाएं तत्काल प्रभाव से तब तक के लिए निलंबित कर दें जब तक वहां हिंदुओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचार नहीं रुक जाते.

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Last Updated : Aug 12, 2024, 1:31 PM IST

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