उमरिया (अखिलेश शुक्ला): बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सबसे चर्चित बाघ 'छोटा भीम' के टेरिटरी पर कब्जा जमाने की लड़ाई महीनों से चल रही है. अब लगता है कि उसके साम्राज्य पर बांधवगढ़ के नर बाघ पुजारी का कब्जा हो गया है. छोटा भीम जबसे घायल हुआ है और उसका भोपाल में इलाज चल रहा है, तभी से पुजारी उसकी टेरिटरी पर कब्जा जमाने में लगा हुआ है. इन दिनों उसकी मूवमेंट काफी बढ़ गई है. इससे लग रहा है कि उसने अपना दबदबा बना लिया है और वहां किसी और बाघ को नहीं आने दे रहा है. शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात हुई घटना ने इस बात और बल दिया है.
छोटा भीम की टेरिटरी में हुआ खूनी संघर्ष
दरअसल, बीते शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खेतौली वन परिक्षेत्र में बाघों की दहाड़ सुनाई दी थी. जिससे वन विभाग के अधिकारियों को समझ में आया कि बाघों के बीच संघर्ष हुआ है. आवाज सुनने के तुरंत बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघ की तलाश में जुट गया. घंटों मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम को झाड़ियों में एक नर बाघ घायल अवस्था में मिला. वो बुरी तरह घायल था. उसकी उम्र 2 साल बताई जा रही है.
छोटा भीम की टेरिटरी में तीन बाघों की हो चुकी मौत
वन विभाग की टीम द्वारा इलाज के लिए उसको रात में ही मुकुंदपुर टाइगर सफारी ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्माबताते हैं कि "ये वही वन परिक्षेत्र और टेरिटरी है जिसमें छोटा भीम रहता था. मृत बाघ भी उसी की टेरिटरी में रहता था. हो सकता है ये उसी की संतान हो. इसके घायल होने की वजह बाघों का आपसी संघर्ष लग रहा है. इससे पहले भी छोटा भीम की टेरिटरी में दो बाघों की मौत हो चुकी है."