थराली/पिथौरागढ़/मसूरी: चुनावी मौसम आते ही अपनी मांगों को मनवाने के लिए लोग मुट्ठी तानने लगे हैं. जनता भी जानती है कि अभी वो अपनी मांगों को उठाएंगे तो नेता उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि, नेता को वोट फीसदी भी बनाए रखना है. यही वजह है कि इनदिनों धरना और प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. इतना ही नहीं लोग मांगे पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की भी चेतावनी दे रहे हैं. उधर, बीजेपी तमाम कार्यक्रमों का आयोजन कर योजनाओं की जानकारी दे रही है.
थराली में सड़क की मांग को लेकर तहसील कार्यालय में गरजे लोग:देवाल के दूरस्थ गांवों में सुमार बलाण गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग को लेकर थराली तहसील कार्यालय में लोगों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. वहीं, देवाल के ही बमोटिया गांव के ग्रामीणों ने भी सड़क, शिक्षा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है. वहीं, ग्रामीणों ने थराली एसडीएम के माध्यम से चमोली डीएम को एक ज्ञापन भेज कर सड़क निर्माण के लिए ठोस कार्रवाई करने की अपील है. साथ ही मांग पूरी न होने पर उन्होंने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी.
पिथौरागढ़ में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान: बीते दिनों गंगोलीहाट, बेरीनाग, थल, धारचूला, मुनस्यारी आदि क्षेत्रों के ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान किया, जिसने शासन प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. पिथौरागढ़ के संतरा पोखरा, लोधगढ़ा, भैसिया, चौबाट और तल्ला ज्ञालपानी के लोगों ने सड़क न बनाने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. उन्होंने प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा. इससे पहले ग्रामीण कलेक्ट्रेट में जमा हुए फिर सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.
ग्रामीणों का कहना था कि वो बीते 15 सालों से सड़क निर्माण की मांग करते आ कर रहे हैं. इसके बाद भी उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. सड़क न होने से 5 गांवों के 80 परिवारों से ज्यादा लोगों को दिक्कतें हो रही है. सड़क के निर्माण को लेकर कई बार सर्वे भी हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी सड़क का निर्माण नहीं किया जा रहा है. उन्होंने मांग पूरी न होने पर आंदोलन पर उतरने की चेतावनी भी दी है.