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आया मौसम चुनाव का! जनता बुलंद कर रही 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का नारा, जातिगत समीकरणों को साधने में जुटे सियासी दल

Villagers Warned of Boycott Elections Over Road Construction Demand लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सड़क, पानी समेत विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे लोग मतदान बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे सुनने को मिल रहे हैं. साथ ही मांगें पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी जा रही है. जिससे शासन प्रशासन की चुनौतियां बढ़ गई है.

Villagers Warned of Boycott Elections Over Road Construction Demand
पिथौरागढ़ में 'रोड नहीं तो वोट नहीं'

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 14, 2024, 9:25 PM IST

थराली/पिथौरागढ़/मसूरी: चुनावी मौसम आते ही अपनी मांगों को मनवाने के लिए लोग मुट्ठी तानने लगे हैं. जनता भी जानती है कि अभी वो अपनी मांगों को उठाएंगे तो नेता उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि, नेता को वोट फीसदी भी बनाए रखना है. यही वजह है कि इनदिनों धरना और प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. इतना ही नहीं लोग मांगे पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की भी चेतावनी दे रहे हैं. उधर, बीजेपी तमाम कार्यक्रमों का आयोजन कर योजनाओं की जानकारी दे रही है.

थराली में सड़क की मांग को लेकर तहसील कार्यालय में गरजे लोग:देवाल के दूरस्थ गांवों में सुमार बलाण गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग को लेकर थराली तहसील कार्यालय में लोगों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. वहीं, देवाल के ही बमोटिया गांव के ग्रामीणों ने भी सड़क, शिक्षा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है. वहीं, ग्रामीणों ने थराली एसडीएम के माध्यम से चमोली डीएम को एक ज्ञापन भेज कर सड़क निर्माण के लिए ठोस कार्रवाई करने की अपील है. साथ ही मांग पूरी न होने पर उन्होंने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी.

सड़क की मांग को लेकर तहसील परिसर में गरजे लोग

पिथौरागढ़ में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान: बीते दिनों गंगोलीहाट, बेरीनाग, थल, धारचूला, मुनस्यारी आदि क्षेत्रों के ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान किया, जिसने शासन प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. पिथौरागढ़ के संतरा पोखरा, लोधगढ़ा, भैसिया, चौबाट और तल्ला ज्ञालपानी के लोगों ने सड़क न बनाने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. उन्होंने प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा. इससे पहले ग्रामीण कलेक्ट्रेट में जमा हुए फिर सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों का कहना था कि वो बीते 15 सालों से सड़क निर्माण की मांग करते आ कर रहे हैं. इसके बाद भी उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. सड़क न होने से 5 गांवों के 80 परिवारों से ज्यादा लोगों को दिक्कतें हो रही है. सड़क के निर्माण को लेकर कई बार सर्वे भी हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी सड़क का निर्माण नहीं किया जा रहा है. उन्होंने मांग पूरी न होने पर आंदोलन पर उतरने की चेतावनी भी दी है.

पौषा के ग्रामीणों को मिला आश्वासन, अब करेंगे मतदान, चुनाव बहिष्कार की दी थी चेतावनी: बेरीनाग-पौषा-पोस्ताला सड़क दुरुस्त न होने पर ग्रामीणों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी. जिस पर एसडीएम यशवीर सिंह के निर्देशन पर तहसीलदार चंद्रपाल सिंह अधिकारियों के साथ पौषा गांव पहुंचे. जहां पर ग्रामीणों के साथ बैठक की. इस दौरान ग्रामीणों और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक भी हुई.

वहीं, अधिशासी अभियंता ने जेड बैंड को छोड़कर अन्य मार्ग पर जल्द डामरीकरण करने और पौषा मोटर मार्ग को बांसपटान से जोड़ने की कार्रवाई करने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन में भेजने की बात कही. जिस पर ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया गया. जिसके बाद ग्रामीण मानें और मतदान करने की बात कही.

मसूरी में ओबीसी मोर्चा का सामाजिक सम्मेलन: मसूरी में ओबीसी मोर्चा मसूरी मंडल की ओर से सामाजिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. इस बार मोदी सरकार 400 पर के नारे के साथ लोकसभा के चुनाव में है. ऐसे में केंद्र में 400 से ज्यादा सीट जीतकर नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.

मसूरी में ओबीसी मोर्चा का सामाजिक सम्मेलन

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