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जंगली आदिवासियों के घर रुकें खाएं पीएं और पहाड़ी नदियों में मौज करें, पैकेज है मामूली - BALAGHAT AMAZING HOMESTAY

मध्य प्रदेश के बालाघाट में 6 होमस्टे के साथ आदिवासी अंचल का टूरिज्म शुरू. पर्यटक यहां प्राकृतिक खूबसूरती के बीच ग्रामीण सभ्यता और संस्कृति से रूबरू होंगे.

Balaghat Amazing homestay
बालाघाट शहर से सटे आदिवासी गांवों में होम स्टे शुरू (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 11:29 AM IST

Updated : Jan 15, 2025, 12:43 PM IST

बालाघाट: मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने बालाघाट शहर से सटे आदिवासी गांवों में होम स्टे बनवाए हैं. इन होम स्टे में रुककर पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य के बीच ग्रामीण सभ्यता और संस्कृति को करीब से देख सकते हैं. इन होमस्टे की टूरिज्म बोर्ड और मेक माय ट्रिप पर भी लोकेशन ली जा सकती है. बालाघाट जिले के जनजातीय ग्रामीण क्षेत्र टेकाड़ी, केरा और पीपरटोला में 6 होमस्टे शुरू किए गए हैं. सांसद भारती पारधी ने इनका शुभारंभ किया. इस मौके पर सांसद भारती पारधी ने कहा "देश को विश्व गुरु बनाने में ऐसे कार्य भी महत्वपूर्ण हैं. इससे ग्रामीण युवाओ और महिलाओं की आय सुनिश्चित हो सकेगी. यहां रुकने वाले पर्यटकों को जंगल, पहाड़, नदियों की सैर कराई जाएगी."

बालाघाट के पास 3 गांवों में होम स्टे शुरू

जनजातीय परियोजना के तहत बालाघाट से करीब 15 किमी.पर स्थित गांगुलपारा जलाशय से लगे गांव टेकाड़ी, पिपरटोला और केरा हैं. गांगुलपारा की नहर से तीनों गांव लगे है. यहां पर्यटकों को होमस्टे के चारो ओर छोटे-छोटे धान के खेत, अनेक प्रजाति की वनस्पति, पक्षियों का कलरव, गांगुलपारा जलाशय व झरना है. साथ ही होमस्टे का ग्रामीण परिवेश और ग्रामीण व्यंजन आकर्षित करेंगे. साथ ही पर्यटक व शोधार्थी भी यहां आकर ग्रामीण सभ्यता व संस्कृति को करीब से जान सकेंगे.

बैगा जनजाति के ग्रामीण सजधज कर पहुंचे (ETV BHARAT)

दो लोगों के ठहरने का खर्च करीब डेढ़ हजार रुपये

होम स्टे का किराया बहुत रियायती होगा, जहां एकांतवास के बीच प्रकृति के मनोरम सौंदर्य का अनूठा एहसास होगा. होम स्टे में दो लोगों के ठहरने के लिये एक से डेढ़ हजार चार्ज लिया जाएगा. इसके अतिरिक्त्त यहां भोजन में देशी व्यंजनों को परोसने की व्यवस्था की गई है, जिसका प्रति व्यक्ति 250 रुपये चार्ज देना होगा.

इस योजना से गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

सांसद भारतीने कहा "भले ही शहरों में बड़े होटल व रिसॉर्ट बन गए हों, लेकिन आज भी एकांत में रहकर रचनात्मक कार्य के लिए लोग जगह तलाशते हैं, जहां उनके मन को शांति भी मिल सके. कई लोग इस खोज में रहते हैं, जहां प्राकृतिक नजारे हों, जल-जंगल और झरने हों. ये सब टेकाड़ी, गांगुलपारा केरा और पिपरटोला की पहचान है. इस तरह के प्रयास से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे."

ग्राम पर्यटन समिति करेंगी होमस्टे का संचालन

कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने आदिवासी परंपरा के तहत नृत्य किया. बैगा जनजाति के ग्रामीण जनजातीय परिवेश व वेशभूषा में सजधज कर पहुंचे. सांस्कृतिक दल के लिए वाद्ययंत्र एवं वेशभूषा के इंतजाम किए गए. अनुपमा एजुकेशन संस्था और ग्राम पर्यटन समिति द्वारा इन होमस्टे का संचालन किया जाएगा. अनुपमा संस्था की जिला कोर्डिनेटर भूमि गेडामके अनुसार "मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के माध्यम से जनजातीय पर्यटन परियोजना के तहत ग्राम पंचायत टेकाड़ी को चुना गया."

योजना के तहत बनेंगे 11 होमस्टे

योजना के तहत केरा में 4, टेकाड़ी और पीपरटोला में 01-01 होम स्टे तैयार किए गए हैं. यहां 11 होमस्टे बनने हैं, जिसमें 6 होमस्टे तैयार हो चुके हैं. इसका उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के बीच ठहरने का मौका देना है. कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष शंकर बिसेन, डीटीपीसी के विकास रघुवंशी, रवि पालेवार, पर्यटन बोर्ड के इम्पेनल्ड संस्था अनुपमा के प्रमोद तिवारी, सरपंच रश्मि तारा कावरे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

Last Updated : Jan 15, 2025, 12:43 PM IST

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