बालाघाट: कान्हा टाइगर रिजर्व जैव विविधता से परिपूर्ण संरक्षित वनक्षेत्र है. कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत तितलियों की प्रजातियों की पहचान करने और आम जनमानस में वन्यप्राणी संरक्षण की भावना जगाने के लिए लगातार तितलियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य तितली प्रजातियों की गणना करना है. इस तरह के सर्वेक्षण से तितली के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करना और उनका अध्ययन करना है.
17 अक्टूबर से तितली सर्वेक्षण होगा आयोजित
इसी कड़ी में कान्हा टाइगर रिजर्व में तितली सर्वेक्षण 17 से 20 अक्टूबर तक कान्हा प्रबंधन एवं स्वंयसेवकों के सहयोग से तृतीय तितली सर्वेक्षण आयोजित किया जा रहा है. जिसका प्रारंभ बुधवार को ईको-सेन्टर खटिया में एस.के. सिंह, भा.व.से. क्षेत्र संचालक, कान्हा टाइगर रिजर्व द्वारा सभी प्रतिभागियों को संबोधित कर किया गया. उन्होंने तितली सर्वेक्षण में ली जाने वाली सावधानियों से अवगत भी कराया गया.
बता दें कि तितली सर्वेक्षण में 11 राज्यों के लगभग 80 स्वयंसेवकों द्वारा भाग लिया जा रहा है. जिसमें महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं तमिलनाडू इत्यादि राज्यों के प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया जा रहा है. कार्यक्रम का संचालन उप संचालक पुनीत गोयल (कोर), उप संचालक अमिता, के.बी. (बफर) द्वारा किया जा रहा है. जिसमें सहायक संचालक और परिक्षेत्र अधिकारियों का विशेष रूप से सहयोग होगा. प्रतिभागियों को कोर, बफर एवं फेन परिक्षेत्रों के 40 केम्पों का चयन कर तितली सर्वेक्षण हेतु भेजा जाएगा. प्रतिभागियों के साथ कान्हा टाइगर रिजर्व के वनरक्षक और अन्य स्टाफ भी सर्वेक्षण का कार्य करेंगे.