जींद: इन दिनों एक ट्रक काफी चर्चा में है. खास बात यह है कि ये ट्रक विशालाकाय ट्रक है और ट्रक में कुल 400 टायर लगे हैं. इस ट्रक के लिए नेशनल हाईवे पर लोहे का खास पुल बनाया गया है. गुजरात के कांडला से पानीपत तेल रिफाइनरी जा रहे 400 टायर वाले विशालकाय ट्रक पर लोड विशाल सिलेंडरों को अस्थायी पुल से बुधवार को नरवाना शहर से गुजारा गया.
आकर्षण का केन्द्र बना विशालाकाय ट्रक:लगभग 800 टन वजनी रिफाइनरी सिलेंडर को गुजारने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के पुल के ही समानांतर पुल बनाया गया, जो पूरी तरह से लोहे का बना है. यह पुल 15-20 दिनों में तैयार किया गया है. पुल की कैपेसिटी 1500 टन वजन उठाने की है. एक साल पहले ये ट्रक चली थी.400 टायर वाला यह ट्रक हरियाणा के कई शहरों से गुजरा है. जिस किसी की भी इस ट्रक पर नजर पड़ती है, वह कुछ देर तक रुक कर ट्रक को देखने लग जाता है.
दो माह बाद पहुंचेगा पानीपत:यह ट्रक एक साल पहले अक्टूबर 2023 में गुजरात के कांडला बंदरगाह से बॉयलर का हिस्सा लेकर निकली थी. इस ट्रक को हरियाणा पानीपत रिफाइनरी में पहुंचना है. 1350 किलोमीटर का सफर तय करके ये ट्रक पानीपत पहुंचेगा. पानीपत तक पहुंचने के लिए अभी इसे दो माह का समय और लगेगा. जानकारी के मुताबिक गुजरात के सूरत में ये बॉयलर बनाए गए, जिसके बाद समुद्र मार्ग से कांडला बंदरगाह तक पहुंचे. उसके बाद इन 2 बड़े 400-400 टायर वाले ट्रेलरों में लोड करके इनको सड़क मार्ग से पानीपत पहुंचना है.
मंजिल तक पहुंचने में लगते हैं 13-14 माह:दरअसल, ये एक विशालकाय ट्रेलर में 400 टायर लगे हैं. लगभग बॉयलर समेत इसका वजन 800 टन है. समतल रास्ते पर ट्रेन पुलर खींचते हैं, लेकिन अगर कोई पुल या फिर कोई चढ़ाई वाला रास्ता पार करना हो तो इसमें 4-5 पुलर लगाए जाते हैं. एक पुलर 500 हॉर्स पावर से अधिक जोर लगाता है. इस हिसाब से लगभग 1500 से 2 हजार घोड़ों की ताकत लग रही है. लगभग 13-14 महीनों में ये विशालकाय ट्रक अपनी मंजिल तक पहुंचेगा. इन सिलेंडरों को निकाले जाने के लिए नरवाना शहर की बिजली और ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी रही.