रांचीः सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठी चार्ज के बाद सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस तरह से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिस कर्मियों पर हेमंत सरकार ने लाठी बरसाई है वह कहीं से भी उचित नहीं है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देश भर में घूमते हैं और उनके घर के बगल में मोरहाबादी में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों के पास वह चले जाते और उनसे बातचीत करते तो यह स्थिति नहीं उत्पन्न होती. ये सहायक पुलिसकर्मी कई दिनों से टेंट लगाकर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांगें सरकार को माननी चाहिए मगर जिस तरह से महिला पुलिसकर्मियों पर लाठी बरसाई गई है और कई घायल हो गए हैं वह बेहद ही निर्णय है.
लोगों पर लाठी बरसाना हेमंत सरकार के ताबूत की अंतिम कील होगी- बाबूलाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा है कि झारखंडी और यहां के लोगों की बात करने वाली हेमंत सरकार अगर इसी तरह से यहां के लोगों पर लाठी बरसती रहेगी तो हेमंत सरकार के ताबूत की यह अंतिम कील साबित होगी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से गर्भवती महिला पुलिस और छोटे बच्चों के साथ आई महिला पुलिस पर बेरहमी से लाठियां बरसाई गयी हैं वह कहीं से भी उचित नहीं है. सरकार को इन पुलिसकर्मियों की मांगों को माननी चाहिए और इन्हें स्थायी करना चाहिए. यह कोई और नहीं है बल्कि झारखंड के युवक-युवती हैं.
बता दें कि पिछले कई दिनों से अपनी मांगों के समर्थन में सहायक पुलिसकर्मी आंदोलन पर हैं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान कर रखा था. हालांकि राज्य के डीजीपी आंदोलनकारी पुलिस कर्मियों के साथ वार्ता करने पहुंचे थे और समझाने की कोशिश की थी मगर सहायक पुलिसकर्मी मानने के लिए तैयार नहीं हुए.
छह घंटे तक मोरहाबादी से लेकर कांके रोड तक बना रहा रणक्षेत्र
शुक्रवार को करीब 6 घंटे तक रांची के मोरहाबादी मैदान से लेकर कांके रोड स्थित सीएम आवास तक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील रहा. सरकार से वार्ता खत्म करने के बाद बिना कोई सूचना दिए ही आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी अलग-अलग रास्तों से पुलिस को चकमा देकर सीएम आवास की तरफ बढ़ने लगे. जिसके बाद पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच जमकर झड़प हुई. मोरहाबादी मैदान से लेकर सीएम आवास के बीच रास्ते में कई जगह पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच एक दूसरे पर वार किया गया.
वार्ता का कोई फायदा नहीं
शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मियों का सीएम आवास घेराव कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित था. इसी बीच तकरीबन शुक्रवार की सुबह 11 बजे झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में सहायक पुलिस कर्मियों के साथ वार्ता हुई. दिन के 1 बजे पुलिस मुख्यालय में एडीजी हेड क्वार्टर आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों के साथ वार्ता हुई है. जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनका अनुबंध 1 महीने बढ़ाया जाएगा उन्हें पुलिस बहाली में वरीयता दी जाएगी और उनका वेतन भी 20% बढ़ा दिया जाएगा.
एडीजी ने वार्ता को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. वहीं दूसरी तरफ सहायक पुलिसकर्मियों ने मोरहाबादी मैदान से हंगामा करते हुए, सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए सीएम आवास की तरफ दौड़ पड़े. इस बीच हॉकी स्टेडियम और कांके रोड जाने वाली रास्ते में कई बार पुलिसकर्मियों और सहायक पुलिसकर्मियों में झड़प हुई जिसके बाद लाठीचार्ज भी हुआ. रांची पुलिस के वरीय अधिकारी लगातार माइक से अनाउंस कर सहायक पुलिसकर्मियों को पीछे हटने की हिदायत देते रहे. लेकिन सहायक पुलिसकर्मियो ने उनकी एक न सुनी जिसकी वजह से कई स्थानों पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.
सुरक्षा घेरा तोड़ पहुंच गए सीएम आवास