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पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों में झड़प और लाठीचार्ज में 30 से ज्यादा घायल, बाबूलाल मरांडी ने की घटना की निंदा - Assistant Policemen

BJP state president condemned lathi charge on assistant policemen. शुक्रवार का दिन राजधानी का पॉश इलाका कई घंटों के लिए रणक्षेत्र में तब्दील रहा. रांची में पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों में झड़प हुई, उनपर लाठीचार्ज हुआ. इस घटना को लेकर बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर निशाना साधा.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 19, 2024, 10:29 PM IST

Babulal Marandi targeted Jharkhand government over lathi charge on assistant policemen in Ranchi
आंदोलन करते सहायक पुलिसकर्मी और बाबूलाल मरांडी की तस्वीर (Etv Bharat)

रांचीः सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठी चार्ज के बाद सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस तरह से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिस कर्मियों पर हेमंत सरकार ने लाठी बरसाई है वह कहीं से भी उचित नहीं है.

सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज की घटना पर बाबूलाल मरांडी का बयान (ETV Bharat)

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देश भर में घूमते हैं और उनके घर के बगल में मोरहाबादी में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों के पास वह चले जाते और उनसे बातचीत करते तो यह स्थिति नहीं उत्पन्न होती. ये सहायक पुलिसकर्मी कई दिनों से टेंट लगाकर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांगें सरकार को माननी चाहिए मगर जिस तरह से महिला पुलिसकर्मियों पर लाठी बरसाई गई है और कई घायल हो गए हैं वह बेहद ही निर्णय है.

लोगों पर लाठी बरसाना हेमंत सरकार के ताबूत की अंतिम कील होगी- बाबूलाल

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा है कि झारखंडी और यहां के लोगों की बात करने वाली हेमंत सरकार अगर इसी तरह से यहां के लोगों पर लाठी बरसती रहेगी तो हेमंत सरकार के ताबूत की यह अंतिम कील साबित होगी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से गर्भवती महिला पुलिस और छोटे बच्चों के साथ आई महिला पुलिस पर बेरहमी से लाठियां बरसाई गयी हैं वह कहीं से भी उचित नहीं है. सरकार को इन पुलिसकर्मियों की मांगों को माननी चाहिए और इन्हें स्थायी करना चाहिए. यह कोई और नहीं है बल्कि झारखंड के युवक-युवती हैं.

बता दें कि पिछले कई दिनों से अपनी मांगों के समर्थन में सहायक पुलिसकर्मी आंदोलन पर हैं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान कर रखा था. हालांकि राज्य के डीजीपी आंदोलनकारी पुलिस कर्मियों के साथ वार्ता करने पहुंचे थे और समझाने की कोशिश की थी मगर सहायक पुलिसकर्मी मानने के लिए तैयार नहीं हुए.

छह घंटे तक मोरहाबादी से लेकर कांके रोड तक बना रहा रणक्षेत्र

शुक्रवार को करीब 6 घंटे तक रांची के मोरहाबादी मैदान से लेकर कांके रोड स्थित सीएम आवास तक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील रहा. सरकार से वार्ता खत्म करने के बाद बिना कोई सूचना दिए ही आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी अलग-अलग रास्तों से पुलिस को चकमा देकर सीएम आवास की तरफ बढ़ने लगे. जिसके बाद पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच जमकर झड़प हुई. मोरहाबादी मैदान से लेकर सीएम आवास के बीच रास्ते में कई जगह पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच एक दूसरे पर वार किया गया.

वार्ता का कोई फायदा नहीं

शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मियों का सीएम आवास घेराव कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित था. इसी बीच तकरीबन शुक्रवार की सुबह 11 बजे झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में सहायक पुलिस कर्मियों के साथ वार्ता हुई. दिन के 1 बजे पुलिस मुख्यालय में एडीजी हेड क्वार्टर आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों के साथ वार्ता हुई है. जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनका अनुबंध 1 महीने बढ़ाया जाएगा उन्हें पुलिस बहाली में वरीयता दी जाएगी और उनका वेतन भी 20% बढ़ा दिया जाएगा.

एडीजी ने वार्ता को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. वहीं दूसरी तरफ सहायक पुलिसकर्मियों ने मोरहाबादी मैदान से हंगामा करते हुए, सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए सीएम आवास की तरफ दौड़ पड़े. इस बीच हॉकी स्टेडियम और कांके रोड जाने वाली रास्ते में कई बार पुलिसकर्मियों और सहायक पुलिसकर्मियों में झड़प हुई जिसके बाद लाठीचार्ज भी हुआ. रांची पुलिस के वरीय अधिकारी लगातार माइक से अनाउंस कर सहायक पुलिसकर्मियों को पीछे हटने की हिदायत देते रहे. लेकिन सहायक पुलिसकर्मियो ने उनकी एक न सुनी जिसकी वजह से कई स्थानों पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.

सुरक्षा घेरा तोड़ पहुंच गए सीएम आवास

मोरहाबादी में बनाए गए सुरक्षा घेरे को तोड़कर सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास के पास पहुंच गए. जहां उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सीएम आवास के पास एक बार फिर से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

झड़प के बाद सहायक पुलिसकर्मियों का ध्वस्त टेंट (ETV Bharat)

30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल

पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज और सहायक पुलिसकर्मियों के द्वारा पुलिस वालों पर किए गए हमले में 30 से ज्यादा अफसर और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी भी बड़ी तादाद में चोटिल हुए हैं. कई तो सड़क पर ही बेहोश हो गए.

डीएसपी सहित कई थानेदार और पुलिस के जवान घायल

सहायक पुलिसकर्मियों के द्वारा किए गए पथराव और लाठी से प्रहार की वजह से सदर डीएसपी संजीव बेसरा, हटिया डीएसपी प्रमोद मिश्रा, सिल्ली डीएसपी रणवीर सिंह, कई थानेदार और पुलिस के जवान चोटिल हुए हैं.

देर शाम लौटे सहायक पुलिसकर्मी

लाठीचार्ज के बाद सैकड़ों की संख्या में सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए लगभग 2 घंटे तक हुए सीएम आवास के बाहर बैठे रहे. इसके बाद में रांची डीसीआर एसपी के समझाने पर वे वापस मोरहाबादी मैदान लौट गये.

पुलिस वालों ने तोड़ा टेंट

सहायक पुलिसकर्मियों के साथ हुई झड़प में घायल हुए पुलिसकर्मियों का आक्रोश मोरहाबादी मैदान में दिखा. घायल पुलिसकर्मियों के साथियों ने रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंचे सहायक पुलिसकर्मियों के टेंट को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. इस बात को लेकर सहायक पुलिसकर्मियों में खासी नाराजगी है.

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