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संथाल परगना में आदिवासियों की तेजी से घट रही संख्या, चंपाई सरकार एसआईटी बनाकर कारणों की करे जांच : बाबूलाल मरांडी - Tribals population in Santhal - TRIBALS POPULATION IN SANTHAL

Babulal demanded SIT investigation. बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार से संथाल परगना में आदिवासियों की तेजी से घट रही संख्या की जांच की मांग की है. उन्होंने सीएम चंपाई सोरेन से इसे लेकर एसआईटी बनाकर जांच कराने की मांग की है.

Babulal demanded SIT investigation
जनगणना का आंकड़ा दिखाते बाबूलाल मरांडी (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 30, 2024, 1:42 PM IST

दुमका: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का कहना है कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. जबकि मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसा क्यों हो रहा है, चंपाई सोरेन की सरकार को एसआईटी बनाकर इसकी जांच करानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए हम काफी मजबूत हैं, हम झारखंड मुक्ति मोर्चा को आटे-दाल का भाव पता करवा देंगे. बाबूलाल मरांडी ने ये बातें दुमका में कही.

बाबूलाल मरांडी ने की सरकार से एसआईटी जांच कराने की मांग (ईटीवी भारत)

सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी आज दुमका पहुंचे. यहां उन्होंने बड़ा बांध चौक स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस मौके पर उनके साथ पूर्व मंत्री लुइस मरांडी समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता भी मौजूद थे. प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सिदो, कान्हू, चांद, भैरव, फूलो व झानो के नेतृत्व में 1855 में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन किया गया था. इस आंदोलन में हजारों लोगों ने अपनी जान कुर्बान की थी. उन्होंने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी और इसी आंदोलन का नतीजा था कि संथाल परगना क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां एसपीटी (संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम) कानून लागू किया गया.

उन्होंने कहा कि आज हम उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प ले रहे हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है. यह भाजपा का नहीं बल्कि सरकार की जनगणना का आंकड़ा है. आंकड़ों की कॉपी लहराते हुए उन्होंने कहा कि 1951 में संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी कुल आबादी का 44.67% थी, जो 2011 की आबादी में घटकर सिर्फ 28.11% रह गई. अगर मुस्लिम आबादी की बात करें, तो 1951 में यह संख्या सिर्फ 09% थी, जो 2011 में बढ़कर 22.73% हो गई. ऐसा क्यों हुआ?

चंपाई सरकार एसआईटी बनाकर करे जांच

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या तेजी से घट रही है. अगर यही स्थिति रही तो आने वाले 25 वर्षों में जब देश अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, संथाल हूल के 200 वर्ष पूरे होंगे, तब तक संथाल क्षेत्र से आदिवासियों की संख्या विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जाएगी।. ऐसा क्यों हो रहा है, यह बहुत ही चिंता का विषय है. यह चिंताजनक स्थिति है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम झारखंड की चंपाई सोरेन की सरकार से मांग करते हैं कि वह एसआईटी बनाकर इसकी जांच कराए ताकि वास्तविक कारणों का पता चल सके.

'चुनाव में झामुमो को पता चल जाएगा आटे-दाल का भाव'

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए हम काफी मजबूत स्थिति में हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में हमने राज्य की 14 में से 09 सीटों पर जीत हासिल की है. जिसमें भाजपा 50 विधानसभा सीटों पर आगे रही. मुख्यमंत्री समेत उनके मंत्रिमंडल में शामिल 07 लोग अपनी विधानसभा सीट नहीं बचा पाए. इससे साफ है कि राज्य में भाजपा के प्रति रुझान है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन जो भी दावे करें, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा झामुमो को आटे-दाल का भाव बता देगी.

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